

आयुर्वेद (Ayurveda) कहता है कि जुकाम तब होता है जब शरीर में कफ दोष बढ़ जाता है और प्रतिरोधक शक्ति कमजोर पड़ जाती है। आधुनिक विज्ञान की मानें, तो यह एक वायरल संक्रमण है, जो ज्यादातर राइनोवायरस (Rhinovirus) के कारण होता है। जब यह वायरस हवा या छींक के जरिए शरीर में पहुंचते हैं, तो शरीर म्यूकस बनाकर अपनी सुरक्षा करता है, जिससे नाक बहने और छींक आने लगती है।
अब बात करें कारणों की, तो ठंडी हवा, बारिश, अचानक तापमान में बदलाव या ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम, ठंडा दूध आदि इसके सबसे बड़े कारण हैं। नींद की कमी, तनाव और प्रदूषण भी इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देते हैं, जिससे आसानी से जुकाम हो जाता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के पास रहना या उसका इस्तेमाल किया सामान छूना भी संक्रमण फैला सकता है।
जुकाम के लक्षण में नाक बंद (Blocked) या बहना (Runny Nose), सिर दर्द (Headache), बदन दर्द (Body Aches), गले में खराश (Sore Throat), खांसी (Cough) और कभी-कभी हल्का बुखार भी महसूस होता है।
बचाव के तरीके बहुत आसान हैं। सबसे पहले मौसम के अनुसार कपड़े पहनें और गले-सिर को ठंड से बचाएं। बार-बार हाथ धोएं, क्योंकि संक्रमण का सबसे बड़ा कारण हमारे हाथ ही होते हैं। पर्याप्त नींद लें, क्योंकि नींद ही शरीर की प्राकृतिक दवा है। ठंडी चीजों, धुएं और धूल से दूरी बनाएं। दिन में दो-तीन बार गर्म पानी पिएं और भाप लेना शुरू करें। इससे सांस की नलियां साफ रहती हैं और वायरस जल्दी मर जाते हैं।
यदि जुकाम हो जाए तो सुबह और शाम 1 चम्मच अदरक का रस और शहद मिलाकर लें, यह गले की खराश और खांसी दोनों में राहत देता है। तुलसी-गिलोय का काढ़ा पिएं, यह इम्यूनिटी (Immunity) को बढ़ाता है। नींबू पानी या आंवला रस रोज लें, क्योंकि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और शरीर को संक्रमण से बचाता है। लहसुन को सरसों तेल में गर्म करके छाती पर हल्की मालिश करें, यह बंद नाक और जकड़न को खोलता है। रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध पिएं, इससे शरीर में गर्मी बनी रहती है और वायरस दूर रहते हैं।
इसके साथ ही अपने खान-पान का भी ध्यान रखें। जुकाम के दौरान दही, ठंडा दूध, मीठा या बासी खाना न खाएं। इसके बजाय गर्म सूप, मूंग की खिचड़ी, अदरक चाय और तुलसी पानी लेना बेहतर है।
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