क्या है 'बाइल डक्ट कैंसर' ? जानिए क्या है इसके लक्षण और बचने के उपाय

यह कैंसर लिवर को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। बाइल डक्ट कैंसर किसी को भी हो सकता है और इसका खतरा सबसे ज्यादा शराब का सेवन करने और ध्रुमपान करने वाले लोगों में होता है।
Bile Duct Cancer : यह कैंसर लिवर को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।(Wikimedia Commons)
Bile Duct Cancer : यह कैंसर लिवर को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।(Wikimedia Commons)
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Bile Duct Cancer : हम सब जानते हैं की कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है। इस बीमारी में यदि सही समय पर इलाज न मिले, तो मरीज की मौत भी हो सकती है। कैंसर हमारे शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। हमारे पित्त में होने वाला कैंसर 'बाइल डक्ट कैंसर' जिसे पित्त की नली का कैंसर भी कहा जाता है, यह कैंसर लिवर को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। बाइल डक्ट कैंसर किसी को भी हो सकता है और इसका खतरा सबसे ज्यादा शराब का सेवन करने और ध्रुमपान करने वाले लोगों में होता है। यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज और मोटापा जैसी गंभीर परेशानी है तो उनमें बाइल डक्ट कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है। इस कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचान कर सही समय पर इलाज किया जाए तो यह जल्दी ठीक हो सकता है। आइए जानें बाइल डक्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण और इसके बचाव के उपाय।

पित्त की नली में होने वाले कैंसर के लक्षण आसानी से नहीं पता चलते हैं। जिसके कारण मरीज की जान चली जाती है। ओनलीमायहेल्थ टीम ने कहा, "पित्त नली का कैंसर, जिसे कोलेंजियोकार्सिनोमा भी कहा जाता है, एक दुर्लभ लेकिन गंभीर प्रकार का कैंसर है जो पित्त नलिकाओं में होता है।" इस कैंसर की सही समय पर पहचान होने पर मरीज की जान बचाई जा सकती है।

क्या है इसके लक्षण

1)पीलिया (त्वचा और आंखों का रंग पीला पड़ना)

2) पेट में दर्द ( खासकर ऊपरी दाहिनी ओर)

3)अचानक वजन घटना

4)त्वचा में खुजली होना

5)हल्के रंग का मल

6)गहरे रंग का पेशाब

7)थकान होना

8)बुखार

बाइल डक्ट कैंसर के निदान में इमेजिंग परीक्षण की जाती है।इमेजिंग टेस्ट में कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन और एमआरआई शामिल होते हैं।(Wikimedia Commons)
बाइल डक्ट कैंसर के निदान में इमेजिंग परीक्षण की जाती है।इमेजिंग टेस्ट में कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन और एमआरआई शामिल होते हैं।(Wikimedia Commons)

कैसे करें बचाव

बाइल डक्ट कैंसर के निदान में आम तौर पर इमेजिंग परीक्षण, रक्त परीक्षण और कभी-कभी बायोप्सी भी की जाती है। इमेजिंग टेस्ट में कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन और एमआरआई शामिल होते हैं। इसके अलावा ईआरसीपी और स्टेंटिंग पीलिया को कम करने में मदद करते हैं। इस प्रकार के कैंसर से बचने के लिए खानपान और जीवनशैली का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बाइल डक्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचान कर इसे ठीक किया जा सकता है।

बाइल डक्ट कैंसर लिवर पर प्रभाव डाल सकता है। इस कैंसर से पाचन और पोषक तत्वों के अवशोषण की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। चूंकि इस कैंसर प्रारंभिक अवस्था में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखता है, इसलिए इसके निदान और उपचार में देर हो सकती है। बाइल डक्ट कैंसर के कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेकर जांच करानी चाहिए।

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