महिलाओं में होने वाला यह कैंसर जानलेवा है, जानें कैसे होता है

साल 2020 में अनुमानित 6.04 लाख नए मामलों और 3.42 लाख से अधिक मौतों के साथ वैश्विक स्तर पर सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाल चौथा सबसे आम कैंसर रहा है।
Cervical Health Awareness : कुछ प्रकार के कैंसर सिर्फ महिलाओं को प्रभावित करते हैं , साल 2020 में वैश्विक स्तर पर सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाल चौथा सबसे आम कैंसर रहा है। (Wikimedia Commons)
Cervical Health Awareness : कुछ प्रकार के कैंसर सिर्फ महिलाओं को प्रभावित करते हैं , साल 2020 में वैश्विक स्तर पर सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाल चौथा सबसे आम कैंसर रहा है। (Wikimedia Commons)
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Cervical Health Awareness : कैंसर दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारकों में से एक है, हर साल तमाम प्रकार के कैंसर के कारण लाखों लोगों की जान चली जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ प्रकार के कैंसर सिर्फ महिलाओं को प्रभावित करते हैं? सर्वाइकल कैंसर भी ऐसी ही एक गंभीर समस्या है जो महिलाओं में होती है और बहुत ही जानलेवा होती है।

साल 2020 में अनुमानित 6.04 लाख नए मामलों और 3.42 लाख से अधिक मौतों के साथ वैश्विक स्तर पर सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाल चौथा सबसे आम कैंसर रहा है। सर्वाइकल कैंसर के केस तथा मृत्यु दर, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में सबसे अधिक देखे जाते है।

क्या कहते है स्वास्थ्य विशेषज्ञ?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि दुनियाभर में महिलाओं को प्रभावित करने वाले इस गंभीर समस्या पर ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण है। वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो बढ़ते जा रहे इस कैंसर के जोखिमों को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने, रोकथाम, जांच और उपचार के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से जनवरी माह को 'सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस मंथ' के रूप में मनाया जाता है। भारत में भी सर्वाइकल कैंसर एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौती है।

सर्वाइकल कैंसर, सर्विक्स यानी गर्भाशय ग्रीवा में होने वाला कैंसर है, जो योनि से जुड़ा गर्भाशय का निचला हिस्सा होता है। (Wikimedia Commons)
सर्वाइकल कैंसर, सर्विक्स यानी गर्भाशय ग्रीवा में होने वाला कैंसर है, जो योनि से जुड़ा गर्भाशय का निचला हिस्सा होता है। (Wikimedia Commons)

सर्वाइकल कैंसर के बारे में जानिए

सर्वाइकल कैंसर, सर्विक्स यानी गर्भाशय ग्रीवा में होने वाला कैंसर है, जो योनि से जुड़ा गर्भाशय का निचला हिस्सा होता है। यह कैंसर अक्सर धीरे-धीरे विकसित होता है जिसके कारण लक्षणों को पहचानने में काफी कठिनाई होती है। ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के कारण सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा सबसे अधिक देखा जाता रहा है। एचपीवी एक सामान्य संक्रमण है जो यौन संपर्क से फैलता है। एचपीवी वायरस को शरीर की इम्यूनिटी पावर वैसे तो नष्ट कर सकती है, हालांकि, कुछ प्रतिशत लोगों में यह वायरस वर्षों तक जीवित रह सकता है और कैंसर का कारण बनता है।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती स्टेज में आमतौर पर कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते, यही कारण है कि इसका खतरा अधिक हो सकता है। जैसे-जैसे यह कैंसर बढ़ता है, इसके कुछ लक्षण स्पष्ट हो सकते हैं जिनपर ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण है।

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