Emotional Numbness : लोग अलग अलग परिस्थितियों और वातावरण में बड़ा होते है। कुछ लोग दर्दनाक घटनाओं, शारीरिक या भावनात्मक दुर्व्यवहार, तनावपूर्ण घरेलू वातावरण या अस्वस्थ संबंधों का सामना करते हुए बड़े हुए होंगे। आज आप जैसा महसूस कर रहे हैं उसके लिए आपका पिछला अनुभव एक महत्वपूर्ण कारण होता है। जैसे अगर कोई व्यक्ति किसी अपमानजनक घर में पला-बढ़ा है तो अवश्य ही वह इस कारण सुन्न हो जाता है। इसके कारण वे इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते और चुपचाप हर दिन इसका सामना करते हैं।
इस प्रकार अपनी भावनाओं को व्यक्त न करना एक मानसिक समस्या भी हो सकती है। इसको इमोशनल नंबनेस या भावनात्मक सुन्नता कहा जाता है। इसकी वजह से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में व्यक्ति को डिप्रेशन, चिंता व तनाव होने लगता है।
इमोशनल नंबनेस के कारण को जान कर हम उससे परहेज़ कर सकते है। इसमें तनाव और तनाव हार्मोन के बढ़ते स्तर की वजह से कुछ लोगों में इमोशनल नंबनेस और भावनात्मक प्रतिक्रिया की कमी हो सकती है या पीटीएसडी व्यक्ति के तनाव हार्मोन के स्तर में बदलाव कर सकते हैं। कभी कभी कुछ तरह की दवाएं मूड से संबंधित हार्मोन और ब्रेन के कार्यों को प्रभावित कर सकती हैं। इन दवाओं से सेरोटोनिन और डोपामाइन प्रभावित होता है। अक्सर भागदौड़ के जीवन में शारीरिक थकान और कमजोरी महसूस करने के वाले कुछ लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में रुचि नहीं दिखाते हैं।
इमोशनल नंबनेस में हर व्यक्ति को एक ही प्रकार के लक्षण महसूस नहीं होते हैं। कुछ व्यक्ति किसी एक तरह की स्थिति पर अलग तरह का महसूस करते हैं।
1) उन्हें एनर्जी और मोटिवेशन में लगातार कमी महसूस होता है।
2) जिन चीजों व लोगों की परवाह करते थे उनके प्रति उदासीन हो जाना।
3) स्वयं को लोगों और दोस्तों से भी अलग महसूस करना ।
4) बहुत खुशी और खराब बात में सामान प्रतिक्रिया देना।
5) अपनी भावनाओं को पहचानने में कठिनाई आना।
यह एक मानसिक समस्या है, जिसका इलाज किया जा सकता है यदि कोई व्यक्ति काफी समय से इन लक्षणों को महसूस कर रहा है या वह खुद को अकेला महसूस कर रहे है। तब उन्हें जरूर डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।