कोरोना की दो लहरों ने अपना जो भयावह रूप दिखाया है उसे हममें से कोई अछूता नहीं रहा है। कोरोना का असर कम हो इसकी तीसरी लहर का सामना देश को ना करना पड़े इसके लिए लगातार जंग जारी है ।वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए दिल्ली एनसीआर समेत देशभर में वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाई जा रही है।
लेकिन हाल ही में दिल्ली के लोकनायक अस्पताल का एक मामला सामने आया है जिसमें डॉक्टरों के नाम कि डोज किसी और को लगा दी गई है। मामला कुछ इस प्रकार है कि जब डॉक्टर अस्पताल में अपनी तीसरी डोज लगवाने पहुंचे ,तो वहां उपस्थित कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि कोविन ऐप के अनुसार उन्हें कोरोना बूस्टर डोज लग चुकी है । उन्होंने यह भी बताया कि कोविन ऐप पर तीसरी डोज के पंजीकरण के समय डोज लेने का स्थान अस्पताल के बाहर किसी दूसरी जगह का है।
गौरतलब है कि यह घटना केवल एक या दो डॉक्टर के साथ नहीं हुई बल्कि एलएनजी अस्पताल के कई भी डॉक्टर इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अविरल माथुर ने मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार को पत्र लिखकर यह मुद्दा उठाया है।
आखिर क्या है पूरा मामला?
डॉक्टर अविरल माथुर द्वारा चिकित्सा अधीक्षक को लिखे गए पत्र में यह बात स्पष्ट की गई है कि कोविन ऐप पर कोरोना की रोकथाम के लिए तीसरी खुराक लगाए बिना ही पंजीकरण किए गए हैं और फर्जी प्रविष्टियां दर्ज की गई हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि उनके कुछ साथी लोकनायक अस्पताल के पहली मंजिल पर स्थित ओपीडी में मौजूद टीकाकरण केंद्र में बूस्टर डोज लेने गए थे। जहाँ उन्हें पता चला कि उनके नाम की कोरोना की बूस्टर डोज पहले ही किसी को लगाई जा चुकी है जबकि डॉक्टरों ने यह डोज लगवाई ही नहीं तो उनके नाम के प्रमाण पत्र कैसे जारी हो सकते हैं? उन्होंने आगे लिखा कि मामले की पूरी तरह जांच हो और डॉक्टरों को तीसरी डोज लगाई जाएं ।
(PT)