Infectious disease in 2023 - इस साल पूरी दुनिया में चार तरह के संक्रमणों ने लोगो को बहुत परेशान किया । अब भी कई तरह के संक्रमण का खतरा बना हुआ है। ऐसे ही खतरनाक संक्रमणों के बारे में जो साल 2023 में जमकर पसरे है आज हम आपको उनके ही बारे में जानकारी देते है।
कोरोना वायरस इंसानों में पहले नहीं देखा गया। कोरोना, वायरस का एक नया प्रकार है जो दुनिया भर में तेजी से फैल रहा था। साल 2020, 21 और 22 में ही नहीं बल्कि 2023 में भी कोविड 19 के मामले देखे गए। साल 2023 की शुरुआत में भारत और अमेरिका समेत कई देशों में कोविड 19 के मामलों में कई बार तेजी देखा गया। जब की वर्तमान में भी इसके मामले पूरी तरह से बंद नहीं हुए हैं।कोरोना वायरस के चार अन्य प्रकार वास्तव में बहुत आम हैं और आमतौर पर केवल हल्के लक्षण (जैसे सामान्य सर्दी) पैदा करते है लेकिन वृद्ध लोगों और गंभीर अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों जैसे हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी और मधुमेह से पीड़ित सभी उम्र के लोगों को गंभीर सीओवीआईडी -19 बीमारी विकसित होने का अधिक खतरा होता है।
टोमैटो फ्लू एक स्व-सीमित बीमारी है और इसके इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवा मौजूद नहीं है।
टोमैटो फ्लू की पहचान पहली बार 6 मई, 2022 को केरल के कोल्लम जिले में हुई थी और 26 जुलाई, 2022 तक, स्थानीय सरकारी अस्पतालों द्वारा 5 वर्ष से कम उम्र के 82 से अधिक बच्चों में संक्रमण की सूचना दी गई है। साल 2023 में भी टोमेटो फीवर के मामले बच्चों में देखे गए, जिसने लगातार कई दिनों तक स्वास्थ्य विभागों की नींद उड़ा कर रखी।केरल के अन्य प्रभावित क्षेत्र आंचल, आर्यनकावु और नेदुवथुर हैं। इस स्थानिक वायरल बीमारी ने पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु और कर्नाटक को अलर्ट कर दिया।
यह एक प्वायरल संक्रमण है और बहुत ही कम लोग इस बारे में जानते हैं कि यह भी एक प्रकार का कोरोना वायरस ही है। इस संक्रमण का नाम मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम है जिससे इसका नाम मर्स (Mers) पड़ा। विशिष्ट लक्षणों में बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। निमोनिया आम है, लेकिन एमईआरएस रोगियों में यह स्थिति हमेशा विकसित नहीं हो सकती है। एमईआरएस रोगियों में दस्त सहित गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण भी बताए गए । यह कोविड से खतरनाक संक्रमण है और 2023 में इसके मामलों में एक बार वृद्धि देखी गई थी। यह एक वायरल इन्फेक्शन है और इसलिए 2024 में भी लोगों को इससे खास बचाव रखना होगा, ताकि इसे फैलने से रोका जा सके।
इसी साल 2023 के कुछ महीने पहले ही आपने भी कंजक्टिवाइटिस के मामलों में काफी वृद्धि देखी गई। इस बीमारी को आंख आना, पिंक आई या आंख की बीमारी भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का इन्फेक्शन है, जो आंख व उसके आसपास के हिस्से जैसे पलक का अंदरूनी व बाहरीरी हिस्सा प्रभावित हो सकता है। दोनों आँखों में लाली, खुजली और किरकिरापन की शिकायत, रात में पपड़ी बनने वाला स्राव और फटने की शिकायत के साथ आते हैं।