

आयुर्वेद (Ayurveda) के अनुसार, यह रोग पित्त और रक्त दोष के बढ़ने से होता है, जिससे मसूड़ों के ऊतकों में सूजन और कमजोरी आ जाती है।
अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह मसूड़ों से खून आने, दांतों के हिलने या गिरने जैसी गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। इसके लिए आयुर्वेद में कुछ बेहद असरदार और सरल घरेलू नुस्खे बताए गए हैं।
सबसे पहला उपाय है फिटकरी, सेंधा नमक, हरड़ और काली मिर्च का मंजन। इन सभी को बराबर मात्रा में कूटकर मंजन बना लें और रोज सुबह-शाम हल्के हाथों से मसूड़ों पर मलें। इससे सूजन और दर्द में आराम मिलता है और मसूड़े मजबूत बनते हैं। दूसरा आसान उपाय है सोंठ (सूखी अदरक) का सेवन। तीन ग्राम सोंठ का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लेने से सूजन और दर्द दोनों में राहत मिलती है।
अगर मसूड़ों से खून आ रहा हो, तो जली हुई सुपारी का चूर्ण भी बहुत उपयोगी है। इसे मंजन की तरह इस्तेमाल करें, इससे मसूड़े (Gums) सख्त बनते हैं और खून आना बंद होता है। इसके अलावा, सेंधा नमक और मीठा सोडा को पानी में मिलाकर कुल्ला करने से तुरंत राहत मिलती है। प्याज का रस भी काफी फायदेमंद है। इसमें मौजूद सल्फर बैक्टीरिया को खत्म करते हैं।
त्रिफला क्वाथ भी एक असरदार उपाय है। हरड़, बहेड़ा और आंवला को पानी में उबालकर उसका काढ़ा बनाएं और उससे दिन में 2–3 बार गरारा करें। यह मसूड़ों की सूजन, दर्द और खून बहने की समस्या को खत्म करता है।
रोजमर्रा की देखभाल के लिए सुबह-शाम ब्रश करने के बाद तिल तेल से ऑयल पुलिंग (Oil Pulling) करें। खाने के बाद कुल्ला करने की आदत डालें। मसालेदार और बहुत गर्म खाना खाने से बचें और पाचन को दुरुस्त रखें, क्योंकि पेट की गड़बड़ी से भी मसूड़ों में सूजन बढ़ती है।
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