क्या होता है मेनोपॉज? जानिए मेनोपॉज में किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है महिलाओं को

यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें बढ़ती उम्र के साथ हर महिला को इस अवस्था से गुजरना पड़ता है। आमतौर पर देखा गया है कि 50 साल की उम्र तक हर महिला को मेनोपॉज हो जाता है।
 Menopause : मेनोपॉज होने से पहले महिला को कई प्रकार की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। (Wikimedia Commons)
Menopause : मेनोपॉज होने से पहले महिला को कई प्रकार की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। (Wikimedia Commons)

Menopause : महिलाओं में मेनोपॉज वह स्थिति होती है, जब उन्हें लगातार 12 महीने तक पीरियड्स नहीं होते हैं अर्थात् उनका पीरियड्स बंद हो जाता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें बढ़ती उम्र के साथ हर महिला को इस अवस्था से गुजरना पड़ता है। आमतौर पर देखा गया है कि 50 साल की उम्र तक हर महिला को मेनोपॉज हो जाता है। इसे फर्टिलिटी और रिप्रोडक्टिव ईयर का एंड भी कहा जा सकता है। परंतु ये जरूरी नहीं है की सभी महिला को एक ही उम्र में हो, हर महिला के लिए मेनोपॉज की उम्र अलग - अलग हो सकती है।

मेनोपॉज होने से पहले महिला को कई प्रकार की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। जैसे उन्हें कभी दो-दो महीने तक पीरियड्स का न होना और कभी सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा दिनों तक ब्लीडिंग होना। इस अवस्था को पेरिमेनापॉज नाम दिया गया है। मेनोपॉज शुरू होने से पहले हर उम्र की महिलाओं में अलग अलग प्रकार के लक्षण देखे गए हैं आइए जानते हैं इन लक्षणों के बारे में।

40 की उम्र में जब शुरू हो मेनोपॉज

आमतौर पर हर महिला को 40 साल की उम्र में मेनोपॉज शुरु नहीं होता है। परंतु किसी को इस उम्र से पहले मेनोपॉज हो जाए, तो उसे प्री-मैच्योर मेनोपॉज का नाम दिया गया है। ऐसा सिर्फ 10 फीसदी महिलाओं में देखा गया है। ऐसे में उन्हें अक्सर पीरियड्स में परेशानियां होती है, जैसे कभी पीरियड्स की तारीख में बदलाव होना, ब्लीडिंग फ्लो कम या ज्यादा होना, मूड स्विंग होना तथा नींद न आना आदि। ऐसे में उन्हें डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

 इसे फर्टिलिटी और रिप्रोडक्टिव ईयर का एंड भी कहा जा सकता है।(Wikimedia Commons)
इसे फर्टिलिटी और रिप्रोडक्टिव ईयर का एंड भी कहा जा सकता है।(Wikimedia Commons)

45 की उम्र में जब शुरू हो मेनोपॉज

जिन महिलाओं को 45 साल की उम्र के बाद मेनोपॉज होते हैं, उनमें बहुत कम लक्षण नजर आ सकते हैं। वहीं कुछ महिलाओं के लिए यह बहुत ही कष्टकारी भी हो सकता है। ऐसे में महिला के मासिक चक्र में बदलाव होना और करीब 6 से 8 दिनों तक ब्लीडिंग होना। बहुत ज्यादा मूड स्विंग होना या चिड़चिड़ापन की शिकायत हो सकती है, इसके अलावा उनमें मेनोपॉज के कारण इंसोम्निया की समस्या भी हो सकती है।

50 की उम्र में जब शुरू हो मेनोपॉज

इस उम्र तक आते-आते लगभग हर महिला को मेनोपॉज हो चुका होता है। इस उम्र के बाद महिला को पोस्ट मेनोपॉज से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होती हैं। ऐसे में शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन में कमी, हॉट फ्लैशेज, ठंड लगना, बहुत ज्यादा पसीना आना, अचानक वजन बढ़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com