Mental health: एक ऐसा भी जमाना था जब लोग मेंटल हेल्थ के बारे में ज्यादा जागरूक नहीं थें लेकिन अब मेंटल हेल्थ को लेकर खुलकर बात करने लगे हैं और जरूरत पड़ने पर प्रोफेशनल्स की मदद भी ले रहे हैं। ऐसे में कुछ मानसिक परेशानियां बातचीत करके हल की जा सकती हैं, लेकिन कुछ के लिए दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है। यदि आप भी किसी तरह की मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हैं और इसे ठीक करने के लिए प्रोफेशनल की मदद लेने की सोच रहे हैं, तो ऐसे में आपके पास सही जानकारी का होना बहुत जरूरी है। दरहसल, लोगों को जो सबसे बड़ी उलझन आती है वो यह है कि वे ये तय नहीं कर पाते हैं कि उन्हें साइकोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए या साइकियाट्रिस्ट के पास। आज इस लेख में हम यही जानने वाले हैं कि इन दोनों में अंतर क्या होता है।
मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक दोनों का मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का निदान और उपचार करना है, लेकिन उनकी शिक्षा, प्रशिक्षण और कार्यप्रणाली में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं।
साइकोलॉजिस्ट बनने के लिए व्यक्ति को मनोविज्ञान में स्नातक, स्नातकोत्तर और फिर डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करनी होती है। इसके बाद साइकोलॉजिस्ट को क्लिनिकल, काउंसलिंग या स्कूल साइकोलॉजी में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त होता है। इसके अलावा उन्हें शोध कार्यों में भी प्रशिक्षित किया जाता है। पेशेवर रूप से काम करने के लिए साइकोलॉजिस्ट को संबंधित सरकारी या पेशेवर बोर्ड से लाइसेंस प्राप्त करना जरूरी होता है।
साइकियाट्रिस्ट बनने के लिए व्यक्ति को पहले मेडिकल डिग्री प्राप्त करनी होती है। इसके बाद उन्हें मानसिक स्वास्थ्य में विशेषता प्राप्त करने के लिए मनोचिकित्सा में एमडी या डीएनबी की डिग्री करनी होती है। इसके बाद साइकियाट्रिस्ट को मानसिक बीमारियों के जैविक और चिकित्सीय उपचार में व्यापक प्रशिक्षण मिलता है। इसमें दवाओं का उपयोग, मेडिकल प्रक्रियाएं और रोग निदान शामिल होता है। साइकियाट्रिस्ट को भी मेडिकल बोर्ड से लाइसेंस प्राप्त करना जरूरी होता है जिससे वे चिकित्सीय उपचार प्रदान कर सकें।
साइकोलॉजिस्ट विभिन्न प्रकार की थेरेपी जैसे कि सीबीटी, परिवारिक थेरेपी और व्यक्तिगत काउंसलिंग के माध्यम से उपचार करते हैं। वे विभिन्न मनोवैज्ञानिक परीक्षण और मूल्यांकन करते हैं- जैसे कि आईक्यू टेस्ट, पर्सनैलिटी असेसमेंट और न्यूरोसाइकोलॉजिकल टेस्ट।
साइकियाट्रिस्ट मानसिक बीमारियों के उपचार के लिए दवाओं का प्रयोग करते हैं। जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट्स, एंटी-साइकोटिक्स, और एंटी-एंग्जायटी मेडिकेशन। वे मेडिकल और जैविक उपचार भी प्रदान करते हैं, जैसे कि इलेक्ट्रोकोन्वल्सिव थेरेपी ईसीटी। साइकियाट्रिस्ट जटिल मानसिक बीमारियों जैसे कि स्किजोफ्रेनिया, बायपोलर डिसऑर्डर और गंभीर डिप्रेशन का निदान और प्रबंधन करते हैं।