

मध्य प्रदेश सरकार का आयुष विभाग नेत्र स्वास्थ्य को बनाए रखने और उससे जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचारों को अपनाने की सलाह देता है। विभाग के अनुसार, नेत्र तर्पण आंखों को स्वस्थ, चमकदार और तनावमुक्त रखता है।
नेत्र तर्पण (Netra Tarpan) आंखों को गहरा पोषण और ठंडक प्रदान करता है। इस प्रक्रिया में वैद्य की देखरेख में आंखों के चारों ओर गेहूं के आटे से एक गोलाकार घेरा बनाया जाता है। इसमें शुद्ध गाय का घी, जो औषधीय (Medicinal) जड़ी-बूटियों से युक्त और गुनगुना होता है, धीरे-धीरे भर दिया जाता है। मरीज को 10-15 मिनट तक आंखों को बंदकर लेटना होता है। यह प्रक्रिया आंखों की मांसपेशियों को आराम देती है, सूखापन दूर करती है, जलन और लालिमा कम करती है तथा धुंधली दृष्टि की समस्या से राहत देती है।
आयुष विभाग सलाह देता है कि नेत्र तर्पण केवल प्रशिक्षित वैद्य से ही करवाना चाहिए। इसके अलावा त्रिफला जल और पैरों की तेल मालिश जैसी प्राचीन विधियां भी सरल और घरेलू उपाय हैं, जो आंखों के लिए फायदेमंद है।
इसके लिए रात में पानी में त्रिफला चूर्ण भिगो दें। सुबह इसे छान लें और इस जल से आंखें धोएं। यह आंखों को संक्रमण से बचाता है और दृष्टि को तेज करने में मदद करता है।
पैरों की तेल मालिश भी आंखों के लिए बेहद लाभकारी उपचार है। सोने से पहले तलवों पर गाय का घी या तिल का तेल लगाकर हल्की मालिश करने से आराम मिलता है।
पैरों में आंखों से जुड़े एक्यूप्रेशर (Acupressure) बिंदु होते हैं। यह मालिश तनाव (Tension) कम करती है, नींद सुधारती है और आंखों की रोशनी को बढ़ाती है। इन उपायों को नियमित अपनाने से आंखें न केवल स्वस्थ होती हैं, बल्कि इनसे जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं।
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