

भारत सरकार का आयुष मंत्रालय पर्वतासन को आसान और असरदार उपाय बताता है, रोजाना पर्वतासन के अभ्यास से कई लाभ मिलते हैं, यह शरीर में रक्त संचार को तेज करता है, कंधों को मजबूत बनाता है और कई पुरानी तकलीफों को दूर करने में भी मददगार है।
पर्वतासन (Parvatasana) यानी पहाड़, यह आसन करने पर शरीर पहाड़ की चोटी जैसा दिखता है। इसे वज्रासन (Vajrasana) या पद्मासन (Padmasana) में बैठकर किया जाता है, इसलिए हर उम्र के लोग आसानी से इसका अभ्यास कर सकते हैं।
एक्सपर्ट पर्वतासन के अभ्यास का सही तरीका बताते हैं, जिसके लिए सबसे पहले वज्रासन या सुखासन की मुद्रा में आराम से मैट पर बैठ जाएं। दोनों हाथ सिर के ऊपर ले जाकर उंगलियों को आपस में लॉक कर लें। सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर खींचें, कंधे कान से दूर रखें, पीठ और कमर सीधी रखें। 15 से 20 सेकंड तक इसी मुद्रा में रहें और गहरी सांस लें। इसके बाद धीरे-धीरे हाथ नीचे लाएं और वापस की स्थिति में आएं। इसे 5 से 10 बार दोहराएं।
पर्वतासन के अभ्यास से मिलने वाले मुख्य लाभ पर नजर डालें तो यह लिस्ट लंबी है। इससे शरीर में रक्त संचार तेज होता है, हाथ-पैर गर्म रहते हैं। कंधे, गर्दन और कमर का दर्द-जकड़न दूर होता है। फेफड़े मजबूत होते हैं, सांस गहरी चलती है। रीढ़ की हड्डी लचीली और सीधी रहती है। थायरॉइड (Thyroid) और डायबिटीज (Diabetes) में भी लाभ मिलता है। साथ ही तनाव, चिंता और सिर दर्द कम होता है। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और अपच की समस्या दूर होती है।
एक्सपर्ट बताते हैं कि सिर्फ 5 से 10 मिनट पर्वतासन करने से शरीर में गजब का फर्क होता है। यह प्रभावी योगाभ्यास है। हालांकि, कुछ सावधानियों को भी रखना चाहिए। हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) के मरीज, कंधे या गर्दन में गंभीर चोट या ऑपरेशन हुआ हो, चक्कर आने की समस्या हो और गर्भवती महिलाओं को भी डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह के बिना पर्वतासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
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