Platelets : मानव शरीर में प्लेटलेट्स का महत्वपूर्ण योगदान है। प्लेटलेट्स रक्त से जुड़ी महत्वपूर्ण कार्यों को संभालते हैं। यह रक्तस्त्राव को भी नियंत्रित करते हैं। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है, तो इसे 'लो प्लेटलेट्स' कहा जाता है। प्लेटलेट्स के कारण व्यक्ति कई बीमारियों का शिकार हो सकता है, जैसे कि डेंगू, टाइफाइड, चिकनगुनिया आदि। इसके अलावा भी प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण में खून बहना, चक्कर आना, तेज सिरदर्द, खून की कमी, नीले-भूरे धब्बे होना, जॉइंट्स में दर्द आदि शामिल हो सकते हैं।
हेपेटाइटिस सी वायरस प्लेटलेट्स की कमी का एक बड़ा कारण है। इसमें शरीर थ्रोम्बोपोइटिन और एंडोथेलियल डिसफंक्शन का शिकार हो जाता है जो थ्रोम्बोसाइटोपेनिया की ओर ले जाता है। इसकी वजह से प्लेटलेट्स नहीं बन पाते हैं। कभी कभी किसी के खून में बैक्टीरियल इंफेक्शन जाता है तब भी शरीर में प्लेटलेट्स की अपने आप कमी हो सकती है। एनीमिया की बीमारी में शरीर पर्याप्त मात्रा में खून नहीं बना पाता है और इसी दौरान रेड और व्हाइट सेल्स की कमी होने लगती है। ल्यूपस और रुमेटीइड गठिया जैसे ऑटोइम्यून रोग भी शरीर में प्लेटलेट्स की कमी का कारण बन सकते हैं।
प्लेटलेट्स की संख्या को सामान्य रखने के लिए सही आहार बहुत जरूरी है। इसके लिए आप फलों, सब्जियों, अनाज, खाद्यतत्त्वों में फोलेट, विटामिन B12, विटामिन C, विटामिन D, विटामिन K से भरपूर आहार ले सकते हैं, जो प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा भी आप पपीता, कद्दू या कद्दू के पत्ते, सेब, अनार, संतरे आदि खाद्य पदार्थ भी प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में सहायक हैं।
प्लेटलेट्स की कमी से बचने के लिए स्वस्थ और नियमित जीवनशैली का होना बहुत जरुरी है। इसके साथ ही आप नियमित व्यायाम कर सकते हैं। तंबाकू और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए, धूम्रपान और शराब का सेवन शख्त मना है इसके अलावा अच्छी नींद लेना, चिंता को कम करना, खून की जांच करवाते रहना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए और डॉक्टर द्वारा दी गई जानकारी और निर्देशों का पालन करना चाहिए।