Thyroid Eye Disease: थायराइड एक गंभीर बीमारी है और सही समय पर इसका इलाज न होने से शरीर के कई अन्य अंगों को भी ये नुकसान पहुंचा सकता है । थायराइड की वजह से आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। यह गर्दन के निचले हिस्से में मौजूद एक ग्लैंड यानी ग्रंथि है, जिससे कुछ हॉर्मोन का रिसाव होता है। थायराइड ग्लैंड के ओवरएक्टिव होने पर थायराइड की बीमारी होती है। इस बीमारी के कारण आंखों में होने वाली परेशानी को थायराइड आई डिजीज कहते हैं। थायराइड आई डिजीज के कारण आंखों की मांसपेशियों और टिश्यूज को गंभीर नुकसान पहुंचता है।
थायराइड ग्लैंड से निकलने वाले हॉर्मोन शरीर में मेटाबॉलिज्म को ठीक रखने से लेकर शारीरिक विकास और कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करते हैं। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ समीर कहते हैं, "थायराइड आई डिजीज ओवरएक्टिव थायराइड या हाइपरथायराडिज्म के कारण होती है। इस स्थिति में आंखों में सूजन, आंखों का बाहर निकलना और ऊतकों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।"
इसकी वजह से आंखों में लाली, दर्द और जलन जैसी समस्याएं भी होती हैं। इस बीमारी में आंखों के सफेद भाग में लालिमा,आंखों में उभार बढ़ जाना, आंखों में तेज दर्द और दबाव महसूस होना, आंखों में जलन होना या लगातार पानी आना। कई लोगो को ड्राई आई की समस्या होती है आपका वजन भी बढ़ सकता है।
थायराइड आई डिजीज का मुख्य कारण मरीजों में ओवरएक्टिव थायराइड होता है। यह समस्या थायराइड में हाइपरथायराडिज्म के कारण होती है। आंखों में ग्रेव्स डिजीज के कारण संक्रमण फैलता है और इसकी वजह से शरीर एंटी-बॉडी का उत्पादन करती है। ये एंटी-बॉडी शरीर में टीएसएच को बढ़ाते है जिससे थायराइड ओवरएक्टिव होने पर आंखों की कोशिकाओं और ऊतकों को गंभीर नुकसान पहुंचता है।
थायराइड आई डिजीज से बचने के लिए थायराइड के मरीजों को डॉक्टर से आंखों की रेगुलर चेक अप करानी चाहिए। थायराइड आई डिजीज का इलाज करने के लिए डॉक्टर मरीज में दिख रहे लक्षणों के आधार पर दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। इस स्थिति में आई ड्रॉप का इस्तेमाल और एंटी-इंफ्लेमेटरी मेडिसिन लेने की सलाह दी जा सकती है। इसके अलावा गंभीर स्थिति वाले मरीजों का इलाज लंबे समय तक चल सकता है।