
अगर आयुर्वेदिक (Ayurvedic Method) तरीका अपनाया जाए तो पेट की चर्बी कम हो सकती है। इसके लिए आयुर्वेद में टमाटर (Tomato) का नियमित सेवन को कारगर उपाय बताया गया है।
आयुर्वेद की दृष्टि से देखा जाए तो टमाटर शरीर में वात (Vata), पित्त (Pitta) और कफ (Kapha) का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। यह एक प्राकृतिक डिटॉक्स (Detox) की तरह काम करता है और शरीर को हल्का, साफ और ऊर्जावान बनाए रखता है। खास बात यह है कि इसे किसी भी उम्र का व्यक्ति अपने आहार (Daily Diet) में शामिल कर सकता है और इसका कोई साइड इफेक्ट (Side Effect) भी नहीं होता।
अगर आप दिन में दो बार खाने से पहले 3 से 4 पके हुए टमाटर (Tomatoes) खाएं, तो यह पेट की चर्बी को धीरे-धीरे घटाने में मदद कर सकता है। टमाटर में पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर के मेटाबॉलिज्म (Metabolism) को तेज करते हैं, जिससे फैट (Fat) तेजी से बर्न (Burn) होता है। टमाटर में लाइकोपीन (Lycopene) नाम का एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) होता है, जो शरीर में मौजूद हानिकारक टॉक्सिन्स (Toxins) को बाहर निकालने में मदद करता है। जब शरीर अंदर से साफ होता है, तो चयापचय यानी मेटाबॉलिज्म भी बेहतर तरीके से काम करता है।
इसके अलावा टमाटर में विटामिन ए (Vitamin A), सी (Vitamin C), पोटैशियम और फाइबर (Fiber) भरपूर मात्रा में होता है। फाइबर (Fiber) पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे आप बार-बार खाने से बचते हैं और कैलोरी (Calorie intake) धीरे-धीरे कम होती है।
टमाटर के नियमित सेवन से पाचन तंत्र (Digestive system) भी सुधरता है, जिससे गैस, अपच (Indigestion) और सूजन जैसी आम पेट संबंधी समस्याएं कम हो जाती हैं। अगर टमाटर का सेवन सुबह नाश्ते से पहले और रात को खाने से पहले किया जाए, तो इसका असर जल्दी दिखता है। कुछ लोग इसमें स्वाद के लिए थोड़ा सा सेंधा नमक (Rock Salt) (Sendha Namak) और काली मिर्च (Black Pepper) (Kali Mirch) भी मिला सकते हैं, जिससे यह और स्वादिष्ट भी बन जाता है और शरीर में जलन या गर्मी भी नहीं होती।
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