जब महिला के खून में मिला पुरुषों वाला क्रोमोसोम - विज्ञान भी रह गया हैरान

अना पाउला का शरीर पूरी तरह महिला है, लेकिन उनके खून में उनके जुड़वां भाई का डीएनए बह रहा है। यह दुर्लभ काइमेरिज़्म का मामला विज्ञान को चौंकाने वाला है, जो दिखाता है कि इंसानी शरीर कभी-कभी दो अलग जीवन की कहानियों को एक साथ अपने भीतर समेट लेता है।
अना पाउला का शरीर पूरी तरह महिला है, लेकिन उनके खून में उनके जुड़वां भाई का डीएनए बह रहा है।
अना पाउला का शरीर पूरी तरह महिला है, लेकिन उनके खून में उनके जुड़वां भाई का डीएनए बह रहा है। (AI)
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दुनिया भर में मेडिकल साइंस ने कई रहस्यों को सुलझाया है, लेकिन कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जो कि वैज्ञानिकों को भी हैरान कर देते हैं। ब्राज़ील की रहने वाली अना पाउला मार्टिंस का मामला भी कुछ ऐसा ही है इस । वह पूरी तरह से एक महिला हैं, उनके शरीर में गर्भाशय है, अंडाशय भी है और वह माँ भी बनीं। लेकिन उनके खून की जाँच ने डॉक्टरों को चौंका दिया, क्योंकि उसमें पुरुषों वाले XY क्रोमोसोम पाए गए। यह बहुत ही हैरान कर देने वाला मामला है और यह मामला दुनिया भर में बहुत काम पाए जाते हैं।

एक बार उन्हें डॉक्टर ने कैरियोटाइप टेस्ट कराने की सलाह दी थी, यह सलाह उन्हें उनकी स्त्री रोग संबंधी सामान्य जांच के दौरान डॉक्टर ने दी थी। यह टेस्ट कोशिकाओं के गुणसूत्रों यानि क्रोमोसोम की जाँच करता है। जब लैब ने इसका रिपोर्ट दिया तो नतीजों में सामने आया कि उनकी रक्त कोशिकाओं में तो XY क्रोमोसोम हैं, जबकि शरीर के बाकी हिस्सों में XX क्रोमोसोम। यही वह पल था जब डॉक्टर और अना दोनों स्तब्ध रह गए। और जहां तक इस रिपोर्ट का खबर पहुंचा सभी सुनकर हैरान रह गए।

गुस्तावो मासिएल, जो की ब्राज़ील में एक प्रसिद्ध गाइनकोलॉजिस्ट हैं, उन्होंने ने अना की पूरी तरह जांच की। उसके बाद उन्होंने पाया कि अना का शरीर पूरी तरह सामान्य महिला जैसा है। उनके पास गर्भाशय और अंडाशय दोनों मौजूद थे और अंडाशय सामान्य रूप से काम भी कर रहे थे। इसका मतलब था की शारीरिक रूप से अना में स्त्री की सभी विशेषताएँ मौजूद थी, लेकिन उनका खून भाई जैसी पहचान लिए हुए था। आखिर इस रहस्य का सुराग क्या है?

वैज्ञानिकों का मानना है कि गर्भ में रहते समय अना और उनके भाई के बीच फीटल-फीटल ट्रांसफ्यूजन हुआ था।
वैज्ञानिकों का मानना है कि गर्भ में रहते समय अना और उनके भाई के बीच फीटल-फीटल ट्रांसफ्यूजन हुआ था। (AI)

इस पर काफी रिसर्च हुआ और रिसर्च के दौरान अना ने बताया कि उनका एक जुड़वां भाई था। डॉक्टरों ने जब अना के डीएनए की तुलना की, तो उन्होंने पाया कि उनके खून में मौजूद डीएनए उनके भाई से बिल्कुल मेल खाता है। यानी उनकी रक्त कोशिकाएं उनके भाई की पहचान लिए हुए था। जबकि उनके त्वचा, मुंह और बाकी शरीर का डीएनए केवल उनका अपना था।

इस घटना को मेडिकल भाषा में काइमेरिज़्म (Chimerism) कहा जाता है। इसका मतलब होता है कि किसी व्यक्ति के शरीर में दो तरह के डीएनए का मौजूद होना। आमतौर पर यह स्थिति तब देखने को मिलती है जब किसी को बोन मैरो ट्रांसप्लांट हुआ हो। लेकिन अना के मामले में यह प्राकृतिक था।

वैज्ञानिकों का मानना है कि गर्भ में रहते समय अना और उनके भाई के बीच फीटल-फीटल ट्रांसफ्यूजन हुआ था। इसका मतलब है कि उनकी गर्भनाल की रक्त वाहिकाएँ आपस में जुड़ गईं और भाई का कुछ खून अना के शरीर में चला गया। धीरे-धीरे उनके भाई की कोशिकाओं ने उनकी बोन मैरो में अपनी जगह बना ली और जीवनभर के लिए उनका खून पुरुषों जैसा हो गया। डॉक्टरों के मुताबिक़, अना के शरीर में उनके जुड़वां भाई का थोड़ा-सा हिस्सा आज भी ज़िंदा है और बह रहा है। यह बेहद दुर्लभ स्थिति है यह कोई सामान्य स्थिति नहीं है, जो की अब तक बहुत ही कम मामलों में देखी गई है।

सबसे बड़ी बात यह रही कि इस जेनेटिक रहस्य ने अना को माँ बनने में किसी भी प्रकार की दिक्क्तों का सामना नहीं करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने गर्भधारण किया और एक स्वस्थ बेटे को जन्म भी दिया। बच्चे का डीएनए सामान्य ही निकला, आधा माँ से और आधा पिता से। उस बच्चे में बच्चे के मामा यानी अना के भाई का कोई अंश नहीं था। डॉक्टर बताते हैं कि अना के अंडाणु में केवल उनका ही डीएनए था। यानी भाई की रक्त कोशिकाएं सिर्फ उनके खून तक ही सीमित रहीं, प्रजनन पर उनका कोई असर नहीं हुआ।

अना पाउला का यह मामला सिर्फ एक मेडिकल रहस्य नहीं है, बल्कि विज्ञान के लिए एक नई खिड़की भी खोलता है।
अना पाउला का यह मामला सिर्फ एक मेडिकल रहस्य नहीं है, बल्कि विज्ञान के लिए एक नई खिड़की भी खोलता है। (AI)

अना पाउला का यह मामला सिर्फ एक मेडिकल रहस्य नहीं है, बल्कि विज्ञान के लिए एक नई खिड़की भी खोलता है। डॉक्टरों का मानना है कि यह रिसर्च अंग प्रत्यारोपण (Organ Transplant) और प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) की जटिलताओं को समझने में मदद करेगा। असल सवाल यह है कि जब अना के शरीर में किसी और डीएनए वाली कोशिकाएँ मौजूद थीं, तो उनके शरीर की रक्षा प्रणाली यानि इम्यून सिस्टम ने उन्हें बाहर से आया हुआ मानकर क्यों नहीं खत्म किया ? इस रहस्य का जवाब अगर मिल जाए, तो यह आने वाले समय में बड़ी चिकित्सा खोजों की नींव बन सकता है।

इंसानों में कुल 46 क्रोमोसोम यानि 23 जोड़े क्रोमोसोम होते हैं। इनमें से 22 जोड़े सामान्य ऑटोसोम और 23वां जोड़ा सेक्स क्रोमोसोम कहलाता है। जैसे की XX क्रोमोसोम = महिला, XY क्रोमोसोम = पुरुष। यही जोड़ा इंसान का लिंग तय करता है। लेकिन अना का मामला इस नियम से अलग था, उनका शरीर तो XX था, लेकिन खून XY था।

सबसे बड़ी बात यह रही कि इस जेनेटिक रहस्य ने अना को माँ बनने में किसी भी प्रकार की दिक्क्तों का सामना नहीं करना पड़ा।
सबसे बड़ी बात यह रही कि इस जेनेटिक रहस्य ने अना को माँ बनने में किसी भी प्रकार की दिक्क्तों का सामना नहीं करना पड़ा। (AI)

निष्कर्ष

अना पाउला की कहानी हमें यह सिख मिलती है कि मानव शरीर कभी-कभी कितने रहस्यमय ढंग से काम करता है। अना पाउला की बात करें तो वह पूरी तरह से महिला हैं, माँ बनीं और सामान्य जीवन जी रही हैं। लेकिन उनके खून में उनके भाई की परछाई आज भी मौजूद है।

यह एक ऐसा दुर्लभ मामला है जो की न सिर्फ विज्ञान को चुनौती देता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि जीवन कभी-कभी दो शरीर की कहानियों को एक शरीर में बुन देता है। [Rh/PS]

अना पाउला का शरीर पूरी तरह महिला है, लेकिन उनके खून में उनके जुड़वां भाई का डीएनए बह रहा है।
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