ऐसी बीमारी जिसमें खाना खाते-खाते रोने लगते है लोग, जानें क्या कारण है

दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो मुंह में खाने का एक निवाला डालते ही रोने लगते हैं। इतना ही नहीं, कई लोग तो पानी का घूंट भरते ही आंखों से आंसू बहाने लगते हैं।
Crocodile Tears Syndrome : मुंह में खाने का एक निवाला डालते ही रोने लगते हैं। (Wikimedia Commons)
Crocodile Tears Syndrome : मुंह में खाने का एक निवाला डालते ही रोने लगते हैं। (Wikimedia Commons)

Crocodile Tears Syndrome : जब कोई इंसान किसी दुख या तकलीफ में होता है, तो उसकी आंखों से आंसू आने लगते हैं या ज्यादा खुश होने पर भी व्यक्ति की आंखों में पानी भर आता है लेकिन क्या कभी आपने किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सुना है जो खाना खाते समय रोने लगता हो? अगर आप सोच रहे हैं कि ऐसा खाने के ज्यादा तीखा होने की वजह से है, तो ऐसा नहीं है। आपको जानकर हैरानी होगी की दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो मुंह में खाने का एक निवाला डालते ही रोने लगते हैं। इतना ही नहीं, कई लोग तो पानी का घूंट भरते ही आंखों से आंसू बहाने लगते हैं।किसी व्यक्ति की आंखों से आंसू आना एक अनोखी बीमारी के कारण होता है। इस बीमारी का नाम ‘क्रोकोडाइल टियर सिंड्रोम’ है।

क्या है यह सिंड्रोम?

क्रोकोडाइल टियर सिंड्रोम से पीड़ित शख्स खाना खाते या पानी पीते ही रोने लगता है।इसके पीछे की वजह ‘लैक्रिमल ग्लैंड’ पर बुरा प्रभाव पड़ना है। ऐसी स्थिति में सिंड्रोम खुद-ब-खुद डेवलप हो जाता है और व्यक्ति खाना खाते समय खुद पर से कंट्रोल खो बैठता है। इस सिंड्रोम को गस्टो-लैक्रिमेशन के नाम से भी जाना जाता है।

दुनियाभर से अबतक करीब 95 लोग इस बीमारी की चपेट में आए हैं। (Wikimedia Commons)
दुनियाभर से अबतक करीब 95 लोग इस बीमारी की चपेट में आए हैं। (Wikimedia Commons)

चीन के एक शक्श को है ये सिंड्रोम

ऑडिटी सेंट्रल वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में जांग नाम का एक शख्स इस दुर्लभ सिंड्रोम से पीड़ित है। वह जब कभी खाने का एक निवाला भी अपने मुंह के अंदर रखता है, उसकी आंखों से आंसू आने लगते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उनका कहना है कि क्रोकोडाइल टियर सिंड्रोम से पहले वे ‘फेशियल पेरैलिसिस’ से पीड़ित थे। इस गंभीर बीमारी से वे धीरे-धीरे उभर ही रहे थे कि तभी उन्होंने अपने चेहरे की नशों की दिशा को बदलते हुए महसूस किया। इसके बाद से ही किसी भी तरह के खाने को देखने के बाद अब उनकी आंखों से आंसू आने लगते हैं।

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि दुनियाभर से अबतक करीब 95 लोग इस बीमारी की चपेट में आए हैं। वहीं, चिंता की बात यह है कि फिलहाल डॉक्टरों के पास इस बीमारी का सही इलाज नहीं है। एक्सपर्ट्स इसके इलाज की खोज में लगे हैं।

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