

मटर (Pea) के हरे छिलकों में मौजूद प्राकृतिक फाइबर पेट के लिए लाभकारी होता है। फाइबर पेट को साफ रखने, पाचन को आसान बनाने और गैस जैसी दिक्कतों को कम करने में मदद करता है। यह पेट को धीरे-धीरे और आराम से काम करने में मदद करता है। आयुर्वेद (Ayurveda) में इसे शरीर के लिए पाचन-सहायक और पोषणकारी बताया गया है।
कई वैज्ञानिक शोध भी बताते हैं कि फाइबर वाला भोजन पेट को देर तक भरा महसूस कराता है। यही कारण है कि छिलके की सब्जी या चटनी खाने से बार-बार भूख नहीं लगती और खाने की लालसा कम होती है। यह तरीका उन लोगों के लिए उपयोगी होता है जो अपने वजन को संतुलित रखना चाहते हैं।
मटर के छिलकों में पोटेशियम (Potassium), कैल्शियम, कॉपर, विटामिन सी, विटामिन के और कई तरह के तत्व मौजूद होते हैं। पोटेशियम शरीर के द्रव संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे हृदय को सहज काम करने में सहयोग मिलता है। कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में एक जरूरी पोषक तत्व है, जबकि कॉपर शरीर में ऊर्जा बनाने की प्रक्रिया और रक्त के निर्माण में भूमिका निभाता है। विटामिन सी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सपोर्ट करता है, और विटामिन के रक्त के सामान्य थक्के बनने और हड्डियों की मजबूती के लिए जाना जाता है।
छिलकों में मौजूद प्राकृतिक रसायन, जैसे कैरोटेनॉइड, आंखों के लिए भी मददगार माने जाते हैं। ये तत्व आंखों की कोशिकाओं को सामान्य रूप से काम करने में सहायता देते हैं और प्रकाश से होने वाली क्षति से बचाने का काम करते हैं।
मटर के छिलकों की सब्जी जितनी पौष्टिक (Nutritious) है, उतनी ही स्वादिष्ट भी है। इसकी सब्जी बनाने के लिए बस छिलकों को साफ करके बड़े टुकड़ों में काट लें। इसमें आलू मिला लें और सामान्य तरीके से मसालों के साथ पकाएं। जिन लोगों को नए-नए देसी स्वाद आजमाना पसंद है, उनके लिए छिलकों की चटनी भी बेहतरीन विकल्प है। हरा धनिया, लहसुन, नींबू और मसालों के साथ पीसकर यह चटनी किसी भी भोजन के साथ खाई जा सकती है।
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