न्यूज़ग्राम हिंदी: इस्लामिक त्योहार बकरीद को मनाने की तारीख चांद देखकर तय की जाती है। यह इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने जुल हिज्जा में मनाई जाती है। इस साल यह 29 जून को मनाई जाएगी जाती है। बकरीद को ईद उल अजहा भी कहा जाता है, यह कुर्बानी का त्योहार होता है। इस दिन अपनी सबसे पसंदीदा चीज की कुर्बानी देकर अल्लाह के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए। शेयर मार्केट में ईद (Bakrid) के दिन दी जानेवाली छुट्टी की भी तारीख बदल दी गई है।
जहां पहले 28 तारीख को छुट्टी दी जानेवाली थी वहीं अब 29 को दिया जाएगा। आरबीआई ने 27 जून को यह जानकारी दी और बताया कि अब सभी काम 30 जून को निपटाए जायेंगे। आपको बता दें कि कमोडिटी मार्केट भी 28 जून को बंद रहेंगे।
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, ईद के इस महीने में बहुत से लोग हज करते हैं। मक्का की यात्रा का समापन बकरीद के दिन ही होता है। आपको बता दें इस त्योहार को मनाने के पीछे की कहानी। मान्यता के अनुसार, हजरत इब्राहिम ने अपने में देखा कि वह अपने छोटे बेटे की कुर्बानी दे रहे हैं। इसे अल्लाह का हुक्म समझ कर उन्होंने अपने बेटे को कुर्बानी देने का फैसला किया। अल्लाह ने उन्हें बेटे की जगह जानवर की कुर्बानी देने का संदेश दिया तब उन्होंने अपने बेटे के प्रिय मेमने की कुर्बानी दे दी। तब से बकरीद का त्योहार मनाने की परंपरा शुरू हो गई। इस दिन दुनिया भर में इस्लामिक समुदाय के लोग कुरान पढ़ते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। इस दिन बकरे, भैंस या ऊंट की बलि दी जाती है और इसके तीन हिस्से कर के एक हिस्सा गरीब को, दूसरा परिवार, और तीसरा रिश्तेदारों को तोहफे में दिया जाता है।
बकरीद में उस जानवर की कुर्बानी दी जाती है जो सबसे करीबी होता है। सालभर पहले उसे खरीद कर उसका पालन किया जाता है और फिर इस दिन कुर्बानी देते हैं। इस साल चांद 29 जून को दिखने की संभावना है।
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