भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय वर्ष 2023 में होने वाले जी-20 (G-20) शिखर सम्मेलन की तैयारियों में जुट गया है। इसको लेकर शिक्षा मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक भी आयोजित की गई। गौरतलब है कि भारत (India) 1 दिसंबर 2022 से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने जा रहा है। जी-20 के माध्यम से भारत शिक्षा का एक नया खाका प्रस्तुत करने की योजना बना रहा है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक शिक्षा का यह नया खाका विश्व की सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं (economies) के लिए लाभकारी होगा। जी-20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए देशभर के मेधावी छात्रों और शिक्षण संस्थानों को भी भागीदार बनाया जाएगा।
यही कारण है कि शिक्षा मंत्रालय अभी से अपनी तैयारियों में जुट गया है। स्वयं केंद्रीय शिक्षा व कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने भारत में 2023 में होने जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक के दौरान प्रधान ने कहा कि जी-20 में शिक्षा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने जी20 बैठक से पहले व्यापक तैयारियों का आह्वान किया और कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 बैठक यह साझा करने का एक अवसर भी है कि भारत ने विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) के लॉन्च के बाद शिक्षा क्षेत्र में क्या हासिल किया है।
केंद्रीय मंत्री ने भारतीय ज्ञान प्रणाली की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने और प्रतिभागियों को दुनिया में भारत के योगदान से अवगत कराने का भी सुझाव दिया। शिक्षा कार्य समूह 28 जून 2023 को जी20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक के लिए शिक्षा और टीवीईटी में डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका और काम के भविष्य पर सेमिनार आयोजित करेगा।
उन्होंने कहा कि भारत शिक्षा का एक नया खाका प्रस्तुत करेगा, जो सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक वैश्विक मॉडल हो सकता है। उन्होंने शिखर सम्मेलन को भव्य रूप से सफल बनाने के लिए छात्रों, शैक्षिक और कौशल संस्थानों को शामिल करने का भी आह्वान किया।
केंद्रीय मंत्री ने भारतीय ज्ञान प्रणाली की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने और प्रतिभागियों को दुनिया में भारत के योगदान से अवगत कराने का भी सुझाव दिया। शिक्षा कार्य समूह 28 जून 2023 को जी20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक के लिए शिक्षा और टीवीईटी में डिजिटल प्रौद्योगिकी (digital technology) की भूमिका और काम के भविष्य पर सेमिनार आयोजित करेगा। शिक्षा कार्य समूह जी 20 एडडब्ल्यूजी रिपोर्ट के साथ सामने आएगा। सर्वोत्तम प्रथाओं और दो संगोष्ठी विषयों पर एक रिपोर्ट जो जी20 शिक्षा मंत्रियों की घोषणा की ओर ले जाती है।
एनसीईआरटी (NCERT), आईआईएससी, एनएसडीसी, आईआईटी मद्रास, आईआईटी हैदराबाद, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, यूनेस्को (UNESCO), यूनिसेफ (UNICEF), ओईसीडी आदि जैसे संस्थान विभिन्न प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के तहत नॉलेज पार्टनर हैं।
जी-20 के लिहाज से शिक्षा के तहत चार प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं। इनमें विशेष रूप से मिश्रित शिक्षा के संदर्भ में मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता सुनिश्चित करना। आजीवन सीखने को बढ़ावा देने वाली क्षमता निर्माण, हर स्तर पर तकनीकी शिक्षा को अधिक समावेशी, गुणात्मक और सहयोगी बनाना और समृद्ध सहयोग के माध्यम से अनुसंधान को मजबूत करना एवं नवाचार को बढ़ावा देना शामिल है।
आईएएनएस/RS