क्लाउडबर्स्ट और जलवायु परिवर्तन: पहाड़ों पर बढ़ता खतरा

अचानक बारिश कैसे बदल रही है लोगों की ज़िंदगी, क्लाउडबर्स्ट और जलवायु परिवर्तन की वजह से पहाड़ों पर संकट और गहरा हो रहा है।
क्लाउडबर्स्ट और जलवायु परिवर्तन
क्लाउडबर्स्ट और जलवायु परिवर्तनSora AI
Published on
2 min read

आज पहाड़ों में सबसे बड़ा खतरा क्लाउडबर्स्ट और जलवायु परिवर्तन (Cloudburst and Climate Change) है। कुछ मिनटों की बारिश पूरी बस्ती, खेत और सड़कें बहा देती है और बाढ़ आ जाती है। इस वजह से लोग घर छोड़कर भागने को मजबूर हो जाते हैं।

क्लाउडबर्स्ट क्या है?

क्लाउडबर्स्ट मतलब, बहुत ज़्यादा बारिश का होना, वो भी बहुत कम समय में। जैसे कोई ऊपर से पूरी बाल्टी पानी गिरा दे। अगर एक घंटे से कम समय में 100 मिमी से ज़्यादा बारिश हो जाए तो उसे क्लाउडबर्स्ट कहते हैं।

जलवायु परिवर्तन

धरती गर्म हो रही है। जब तापमान बढ़ता है तो हवा ज़्यादा भाप रोक लेती है। फिर अचानक वही भाप टूटकर तेज़ बारिश बन जाती है। इसलिए जलवायु परिवर्तन की वजह से अब क्लाउडबर्स्ट ज़्यादा हो रहे हैं।

उत्तराखंड पर इसका असर

2013 केदारनाथ हादसा: क्लाउडबर्स्ट और बर्फ टूटने से हज़ारों लोग मरे।

चमोली और रुद्रप्रयाग: हर साल गाँवों में सड़कें और ब्रिज टूट जाते हैं।

कई परिवार पहाड़ छोड़कर मैदानी इलाकों में बसने लगे हैं। लोगों की ज़िंदगी पर बहुत प्रभाव पड़ा किसान के खेत और फसले बाढ़ मै बह जाती है। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते क्योंकि सड़क और स्कूल टूट जाते हैं। पूरा परिवार राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हो जाता है।

बिना सोचे समझे निर्माण बंद हो होटल और सड़कें बेवजह पहाड़ काट रही हैं।
बिना सोचे समझे निर्माण बंद हो होटल और सड़कें बेवजह पहाड़ काट रही हैं। Sora AI

खतरा क्यों बढ़ रहा है

पहले क्लाउडबर्स्ट बहुत कम होते थे। अब हर मानसून में खबरें आती हैं। क्लाउडबर्स्ट और जलवायु परिवर्तन ने मिलकर इसे और भी खतरनाक बना दिया है।

इसे कम करने के लिए क्या कदम उठा सकते है

तेज़ चेतावनी सिस्टम गाँव तक SMS, साइरन और रेडियो से फौरन संदेश पहुँचाना ज़रूरी है।मजबूत इमारतें स्कूल और अस्पताल ऐसे बनें कि आपदा में सुरक्षित रहें। केदारनाथ के पास अब सुरक्षित शेल्टर बनाए गए हैं। बिना सोचे समझे निर्माण बंद हो होटल और सड़कें बेवजह पहाड़ काट रही हैं। इससे ज़मीन खिसकती है, जैसे जोशीमठ में हुआ। स्थानीय ज्ञान का उपयोग पहाड़ी लोग पहले आसमान और हवा देखकर मौसम का अंदाज़ा लगा लेते थे। इस ज्ञान को विज्ञान के साथ जोड़ना चाहिए। समुदाय की ट्रेनिंग गाँव के लोगों को रेस्क्यू और बचाव की ट्रेनिंग मिले। जैसे केरल में मछुआरों को बचाव दल बनाया गया था।

 पूरा परिवार राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हो जाता है।
पूरा परिवार राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हो जाता है।Sora AI

निष्कर्ष

क्लाउडबर्स्ट अब “कभी-कभार” की बात नहीं रही। यह क्लाउडबर्स्ट और जलवायु परिवर्तन की सच्चाई है, जो रोज़मर्रा की ज़िंदगी बिगाड़ रही है। अगर हमने प्रकृति का सम्मान नहीं किया, तो कल की बारिश सिर्फ़ भीगाएगी नहीं, बल्कि ज़िंदगियाँ भी बहा ले जाएगी। (Rh/Eth/BA)

क्लाउडबर्स्ट और जलवायु परिवर्तन
शादी और तलाक: बदलते दौर की असली कहानी

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com