
हिंदी केवल भारत की भाषा नहीं है, बल्कि यह आज दुनिया के कई कोनों में बोली और समझी जाती है। भारत से बाहर रहने वाले करोड़ों भारतीयों (NRI) और उनके वंशजों ने हिंदी को अपनी पहचान और संस्कृति से जोड़े रखा है। यही वजह है कि अगर आप विदेश यात्रा करते हैं, तो कई मुल्कों में हिंदी बोलने वाले लोग आपको जरूर मिल जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट्स बताती हैं कि हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा (Hindi is the third most spoken language in the world) है। यह केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि संस्कृति, भावनाओं और अपनापन का प्रतीक है। चाहे आप फिजी, मॉरीशस, सूरीनाम (Suriname), त्रिनिदाद-टोबैगो (Trinidad And Tobago) जाएँ या फिर संयुक्त अरब अमीरात (UAE), अमेरिका (USA) और ब्रिटेन, हर जगह हिंदी बोलने वाले समुदाय मिल जाते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि हिंदी सुनकर प्रवासियों को अपने देश और परिवार की याद ताजा हो जाती है। यही कारण है कि विदेशों में बसे भारतीय न सिर्फ घर पर, बल्कि सांस्कृतिक आयोजनों और त्योहारों में भी हिंदी को प्राथमिकता देते हैं। आज हम जानेंगे कि भारत के अलावा कौन-कौन से देश हैं जहाँ हिंदी बोली जाती है और किस तरह यह भाषा सीमाओं से परे जाकर पूरे विश्व में अपनी छाप छोड़ रही है।
फिजी: हिंदी बनी ‘फिजी हिंदी’
फिजी (Fiji) में हिंदी सिर्फ भाषा नहीं, बल्कि पहचान बन चुकी है। 19वीं शताब्दी में यहाँ भारत से मजदूरों को ले जाया गया था। वे अपने साथ भोजपुरी और अवधी (Bhojpuri And Awdhi in Fiji) जैसी बोलियाँ लेकर गए, जो समय के साथ मिलकर ‘फिजी हिंदी’ (‘Fiji Hindi’) कहलाने लगी। आज फिजी में हिंदी को आधिकारिक दर्जा प्राप्त है और स्कूलों में भी पढ़ाई जाती है। त्योहारों, धार्मिक आयोजनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिंदी की गूंज सुनाई देती है।
मॉरीशस: हिंदी और भारतीय संस्कृति का संगम
मॉरीशस (Mauritius) को अक्सर ‘भारत के बाहर का छोटा भारत’ (‘Little India outside India’) कहा जाता है। यहाँ 19वीं सदी में भारतीय मजदूरों के आगमन से हिंदी की नींव पड़ी। वर्तमान में मॉरीशस (Mauritius) में हिंदी शिक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहाँ हर साल विश्व हिंदी सम्मेलन भी आयोजित किया जाता है। मॉरीशस (Mauritius) के लोग त्योहारों को पूरे जोश से हिंदी गीतों और कविताओं के साथ मनाते हैं।
सूरीनाम: हिंदी की जड़ें गहरी
दक्षिण अमेरिका (South America) का छोटा सा देश सूरीनाम (Suriname) भी हिंदी प्रेम के लिए जाना जाता है। यहाँ 19वीं शताब्दी में गए भारतीय मजदूरों की वजह से हिंदी फैली। स्थानीय लोग आज भी भोजपुरी-हिंदी मिश्रित भाषा बोलते हैं। रेडियो, टीवी और धार्मिक मंचों पर हिंदी का खूब इस्तेमाल होता है।
त्रिनिदाद और टोबैगो: हिंदी गीतों की धड़कन
कैरेबियन देशों में त्रिनिदाद और टोबैगो (Trinidad and Tobago) वो जगह है जहाँ हिंदी आज भी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है। यहाँ भारतीय मजदूरों के साथ भोजपुरी और अवधी बोलियाँ पहुँचीं और धीरे-धीरे ‘कैरेबियन हिंदी’ ('Caribbean Hindi') का रूप लिया। धार्मिक उत्सवों, खासकर रामलीला और दिवाली में हिंदी गीत और संवाद गूंजते हैं। स्थानीय रेडियो चैनलों पर हिंदी गाने बजते हैं और हिंदी नाटक भी आयोजित होते हैं। हालांकि नई पीढ़ी अंग्रेज़ी और क्रियोल बोलियों की ओर बढ़ रही है, फिर भी हिंदी अब भी सांस्कृतिक धरोहर के रूप में जीवित है।
सिंगापुर में हिंदी
500 साल पहले सिंगापुर को ग्रेटर इंडिया का हिस्सा माना जाता था (Singapore was considered a part of Greater India)। यहां बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं। इस देश में तमिल भाषा को राजभाषा (Tamil Language made official language) का दर्जा प्राप्त है और यहां भी हिंदी भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या भी काफी अधिक है। सिंगापुर भारतीय पर्यटकों के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है।
नेपाल में हिंदी का वर्चस्व
नेपाल (Nepal) में हिंदी भाषियों की संख्या बहुत अधिक है। इसे समझने वाले भी बड़ी संख्या में नेपाल में रहते हैं। यहां आपको हिंदी में बात करने में परेशानी नहीं होगी। यहां बॉलीवुड फिल्मों और भारतीय चैनलों को प्राथमिकता दी जाती है। नेपाल में भारतीय पर्यटकों की संख्या भी अच्छी है। यहां आप काठमांडू, नगरकोट, भक्तपुर, सागरमाथा नेशनल पार्क, चितवन नेशनल पार्क आदि जा सकते हैं।
अमेरिका (USA) में भी है हिंदी का वर्चस्व
अमेरिका (USA) में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं और उनके बीच हिंदी आम बोलचाल की भाषा है। न्यू जर्सी, कैलिफ़ोर्निया और न्यूयॉर्क जैसे राज्यों में हिंदी फिल्मों, टीवी शोज़ और गानों की लोकप्रियता बहुत अधिक है। वहाँ हिंदी पढ़ाने के लिए कई यूनिवर्सिटीज़ और सांस्कृतिक संस्थान भी काम कर रहे हैं। बच्चों को हिंदी सिखाने के लिए ‘वीकेंड क्लासेज़’ चलाई जाती हैं। अमेरिका में बसे भारतीय अपने त्योहारों में हिंदी का प्रयोग करते हैं।
पाकिस्तान में भी बोली जाती है हिंदी
बंटवारे के पहले तक पाकिस्तान (Pakistan) भारत का ही हिस्सा हुआ करता था। भले ही पाकिस्तान (Pakistan) में आज के समय उर्दू और अंग्रेजी आधिकारिक भाषा है। लेकिन लोग यहां पर हिंदी, पंजाबी, सिंधी, पश्तो, बलूची जैसी भाषाएं भी बोलते हैं।
ब्रिटेन (UK) में हिंदी और बॉलीवुड का जादू
ब्रिटेन (Britain) में भारतीय मूल के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं, खासकर लंदन, मैनचेस्टर और बर्मिंघम में। यहाँ हिंदी फिल्मों और संगीत ने हिंदी को लोकप्रिय बनाए रखा है। ब्रिटेन (Britain) में कई रेडियो चैनल और टीवी शो हिंदी भाषा में प्रसारित होते हैं। वहाँ हिंदी साहित्य और कविता मंच भी आयोजित किए जाते हैं। प्रवासी भारतीय अपनी नई पीढ़ी को हिंदी सिखाने के लिए विशेष कक्षाओं का सहारा लेते हैं। ब्रिटेन (Britain) में हिंदी, भारतीय पहचान और भारतीय संस्कृति को जोड़ने वाली एक मजबूत कड़ी है।
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में कामगारों की जुबान है हिंदी
UAE, खासकर दुबई और अबूधाबी, भारतीयों का दूसरा घर माना जाता है। यहाँ लाखों भारतीय कामगार रहते हैं और उनमें से अधिकतर हिंदी बोलते हैं। बाज़ारों, दफ्तरों और टैक्सियों में हिंदी सुनना आम बात है। यहाँ हिंदी फिल्मों और गानों की बहुत बड़ी मांग है। कुछ रेडियो चैनल और स्थानीय अख़बार भी हिंदी में प्रकाशित होते हैं। UAE में हिंदी सिर्फ भारतीयों की नहीं, बल्कि पाकिस्तानी और बांग्लादेशी समुदायों में भी समझी जाती है। इस तरह हिंदी यहाँ lingua franca यानी आम संवाद की भाषा के रूप में मौजूद है।
दक्षिण अफ्रीका और हिंदी
भारत पर शासन के दौरान दक्षिण अफ्रीका में भी अंग्रेजों का शासन था। अंग्रेजों ने बड़ी संख्या में भारतीयों को ले जाकर यहां बसाया। दक्षिण अफ्रीका में भले ही अंग्रेजी और अफ्रीकी आधिकारिक भाषाएं हैं। लेकिन हिंदी कई अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के साथ बोली जाती है।
हिंदी सिर्फ भारत की भाषा नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में फैली एक सांस्कृतिक शक्ति है। आज यह भाषा फिजी, मॉरीशस, सूरीनाम, त्रिनिदाद-टोबैगो, अमेरिका (USA), ब्रिटेन (UK), संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और कई अन्य देशों में बोली और समझी जाती है। कहीं यह धार्मिक परंपराओं और गीत-संगीत में जीवित है तो कहीं फिल्मों, रेडियो और साहित्य के जरिए अपनी पहचान बनाए हुए है। प्रवासी भारतीयों ने हिंदी को सिर्फ अपनी मातृभाषा की तरह नहीं अपनाया, बल्कि उसे नई पीढ़ियों तक पहुँचाने की कोशिश भी लगातार की है। यही कारण है कि विदेशों में हिंदी की कक्षाएँ, सांस्कृतिक संस्थाएँ और त्योहार आज भी जोश और गर्व से मनाए जाते हैं।
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आज Globalization के इस दौर में जब लोग अपनी जड़ों से कटते जा रहे हैं, हिंदी जैसी भाषाएँ हमें अपनी Identity और Roots से जोड़ती हैं। यह भाषा सिर्फ संवाद का साधन नहीं, बल्कि भावनाओं, संस्कृति और परंपरा की अभिव्यक्ति है। इसलिए चाहे आप भारत में हों या विदेश में, हिंदी हमेशा आपको “घर जैसा अहसास” दिलाती रहेगी। हिंदी वास्तव में एक Global Language बन चुकी है, जो भारत को पूरी दुनिया से जोड़ती है। [Rh/SP]