Birthday Special: वीर शिवाजी की बहादुरी की दास्तां कहते ये किले

आज के इस लेख में हम आपको उनके द्वारा बनवाए गए साथ ही वीर शिवाजी द्वारा जीते गए किलों के बारे में बताएंगे।
वीर शिवाजी की बहादुरी की दास्तां कहते ये किले (Wikimedia)

वीर शिवाजी की बहादुरी की दास्तां कहते ये किले (Wikimedia)

Birthday Special

न्यूजग्राम हिंदी: 19 फरवरी को जन्में छत्रपति शिवाजी महाराज (Chatrapati Shivaji Maharaj) ने शासनकाल के दौरान बहुत से किले बनवाए। साथ ही उन्होंने कई दुर्गों पर आक्रमण किया और उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। आज के इस लेख में हम आपको वीर शिवाजी द्वारा बनवाए गए साथ ही उनके द्वारा जीते गए किलों के बारे में बताएंगे।

• सुवर्णदुर्ग (Suvarndurg)

यह किला शिवाजी द्वारा कब्जाए गए किलो में से एक है। शिवाजी महाराज ने 1660 ईसवी में इस किले पर कब्जा कर लिया था। उन्होंने यह कब्जा आदिल शाह दृतीय (Adil Shah ll) को युद्ध में हराकर किया था। यह वही किला है जिसमें बाद में राजाओं में मराठा जल सेना बनाई।

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वीर Chhatrapati Shivaji Maharaj द्वारा बताया गया वह पथ, जिन पर चलना आज जरूरी है!

• सिंधुदुर्ग (Sindhudurg)

यह किला शिवाजी द्वारा बनवाए गए किलो में से एक है। यह किला कोंकण तट (Konkan) तट पर बनवाया गया है और इसे बनकर पूरी तरह तैयार होने में लगभग 3 वर्ष का समय लगा।

• प्रतापगढ़ (Pratapgarh)

यह वही किला है जिसे शिवाजी ने सबसे पहले जीता था। 1665 में इस किले पर मुगल (Mughal) सम्राट औरगंजेब (Aurganzeb) द्वारा कब्जा कर लिया गया। औरगंजेब के कब्जे की 5 वर्ष बाद शिवाजी ने इस किले को छुड़वा लिया और इस पर मराठाओं का झंडा लहरा दिया।

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छत्रपति शिवाजी महाराज 

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• रायगढ़ का किला (Raigarh)

इस किले को शिवाजी महाराज ने 1674 ईस्वी में बनवाया था। इसके बाद 1818 में इस किले पर अंग्रेजों ने कब्जा किया और इसमें बहुत लूटपाट कर इसके बहुत से हिस्सों को अस्त-व्यस्त कर दिया।

• शिवनेरी (Shivneri)

यह किला जुन्नर गांव जो महाराष्ट्र (Maharashtra) में पुणे (Pune) के पास है में स्थित है और इस किले के अंदर माता शिवाई का मंदिर बनवाया गया है। इन्हीं माता के नाम पर शिवाजी का नाम रखा गया था।

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