![History Of 16th September [Sora Ai]](http://media.assettype.com/newsgram-hindi%2F2025-09-23%2Fbj4u9vcx%2Fassetstask01k5vgqszteymsvg31hhqvhvy31758639017img1.webp?w=480&auto=format%2Ccompress&fit=max)
24 सितंबर ऐसी तारीख है, जिसमें भारत और विश्व के इतिहास में कई बड़े बदलाव हुए। यह दिन सामाजिक न्याय, वैज्ञानिक प्रगति, स्वतंत्रता आंदोलन और राजनीतिक समझौतों का प्रतीक बन चुका है। कुछ घटनाएँ हैं जो इस दिन हुईं और जिन्होंने समाज को दिशा दी, जैसे कि कमजोर वर्गों के अधिकारों की लड़ाई, भारत का मंगलयान जैसे गौरवशाली वैज्ञानिक प्रोजेक्ट, या विश्व के देशों की स्वतंत्रता। 24 सितंबर का दिन हमें याद दिलाता है कि कैसे संघर्ष, समझौता और नवाचार ने मनुष्यों की जिंदगी और राष्ट्रों की कहानी को बदल दिया है। आइए जानते हैं 16 सितंबर (History Of 16th September) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
24 सितंबर 1932 को भारत में पूना पैक्ट (Poona Pact) पर महात्मा गांधी (Mahatama Gandhi) और डॉ. भीमराव आंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता उन “अछूत” या “प्रताड़ित वर्गों” की प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए हुआ, जिन्हें अलग मतदाता प्रतिनिधित्व (“separate electorates”) की मांग थी। ब्रिटिश सरकार ने अलग निर्वाचन को प्रस्तावित किया था, लेकिन गांधीजी ने इससे विरोध किया क्योंकि इससे समाज में विभाजन और बढ़ेगा। परिणामस्वरूप पूना पैक्ट हुआ, जिसमें बिहार और अन्य क्षेत्रों में आरक्षण और चुनावी सीटें उन वर्गों के लिए सुनिश्चित की गईं, लेकिन वोट देने की प्रक्रिया सामान्य चुनावी प्रणाली के अंतर्गत रहेगी। इस समझौते ने भारत के सामाजिक न्याय के आंदोलन को एक नया आयाम दिया।
24 सितंबर 2014 को भारत का मंगलयान (Mars Orbiter Mission) सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा (Mars orbit) में पहुँच गया। यह सफलता इसलिए ऐतिहासिक थी क्योंकि भारत पहला देश बना जिसने पहली ही कोशिश में मंगल की कक्षा तक का मिशन पूरा किया। इससे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) की प्रतिष्ठा बढ़ी और विश्व में विज्ञान और तकनीक की दिशा में भारत की शीर्ष क्षमताओं का सम्मान हुआ। इस मिशन ने प्रेरित किया कि सस्ते बजट में भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की जा सकती हैं।
24 सितंबर 1948 को जापान में सोइचिरो होंडा ने Honda Motor Company की स्थापना की। यह एक छोटा वाहन निर्माता कंपनी के रूप में शुरू हुई थी, लेकिन समय के साथ दुनिया की सबसे बड़ी मोटरसाइकिल और वाहन निर्माताओं में से एक बन गई। होंडा की स्थापना ने ऑटोमोबाइल उद्योग में नवाचार, गुणवत्ता, और भरोसे को बढ़ाया। उन्होंने विशेष ध्यान दिया ईंधन दक्षता और कारों व मोटर साइकिलों की बनावट में सुधार पर। आज होंडा का ब्रांड विश्वभर परिचित है, जिसने ऑटोमोबाइल तकनीक और डिज़ाइन में कई नए मानक स्थापित किए।
24 सितंबर 1789 को संयुक्त राज्य अमेरिका की कांग्रेस ने Judiciary Act पास किया। इस ऐक्ट के ज़रिए अमेरिका में फेडेरल न्यायिक प्रणाली की स्थापना हुई, सुप्रीम कोर्ट सहित अन्य न्यायालयों की संरचना निर्धारित की गई, और अटॉर्नी जनरल का पद बना। यह कानून संविधान में न्यायपालिका की भूमिका को संस्थागत रूप से पहचान दे गया, और देश में शक्ति-विभाजन की व्यवस्था को मजबूत किया गया। इस तरह यह कदम लोकतंत्र और कानून के शासन की नींव में अहम साबित हुआ।
24 सितंबर 1861 को महिलाओं के अधिकारों की प्रख्यात लड़ाकू भिकाजी कामा (Bhikaji Cama) का जन्म हुआ। उन्होंने ब्रिटिश भारत में स्वतंत्रता आंदोलन को बढ़ावा दिया तथा भारत की आज़ादी और महिलाओं के समान अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई। भिकाजी कामा विश्वभर में भारतीय स्वाधीनता सेनानी के रूप में जानी गईं। उनका जीवन संघर्ष और अदम्य साहस की कहानी है।
24 सितंबर 1973 को पश्चिम अफ़्रीका का देश Guinea-Bissau पुर्तगाली उपनिवेश शासन से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। यह घोषणा आज़ादी की आवाज़ और उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष की जीत थी। स्वतंत्रता की इस लड़ाई में लोगों ने बहुत त्याग किया। यह दिन Guinea-Bissau के लिए आज़ादी, मानवीय गरिमा और राष्ट्रीय पहचान के लिए नया आरंभ था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह घटना उपनिवेशवादी ताकतों के अन्तर्गत दबे देशों की आज़ादी की लहर को मजबूत करने वाली बनी।
24 सितंबर 1869 को अमेरिकी वित्तीय इतिहास का एक बड़ा झटका लगा जिसे “Black Friday” कहा जाता है। कुछ धनाढ्य कारोबारी (जैसे जॉ गूल्ड और जिम फिस्क) सोने को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे थे, जिससे सोने की कीमतें असाधारण रूप से बढ़ी। सरकार ने स्थिति को सुधारने के लिए बड़ी मात्रा में सोना बाजार में छोड़ा, जिससे कीमतें अचानक गिरी और बाजार में भय-पूर्ण स्थिति बनी। इस घटना ने यह दिखाया कि कैसे वित्तीय अटकलें और मनमानी गतिविधियाँ पूरे आर्थिक तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं।
24 सितंबर 1957 को स्पेन के बार्सिलोना में Camp Nou स्टेडियम का उद्घाटन हुआ। यह यूरोप का सबसे बड़ा फुटबॉल स्टेडियमों में से एक है, जिसमें लगभग एक लाख दर्शक बैठ सकते हैं। इस स्टेडियम ने बार्सिलोना फुटबॉल क्लब (FC Barcelona) को एक प्रतिष्ठित घरेलू मंच दिया जहाँ विश्वस्तरीय फुटबॉल मुकाबले होते हैं। युवाओं और फुटबॉल प्रेमियों के लिए यह एक प्रेरणा स्थल बन गया। इस तरह की सांस्कृतिक और खेल-संस्कृति की उपलब्धियाँ यह दिखाती हैं कि खेल भी समाज व इतिहास में कितना महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।