25 सितंबर: जानें इस दिन से जुड़ी कुछ खास घटनाएं

इतिहास के पन्नों में (25th September) का दिन कई मायनों में विशेष है। यह दिन भारत और विश्व के राजनीतिक, सामाजिक तथा वैज्ञानिक घटनाओं का गवाह बना है।
History Of 25th Septembe
History Of 25th September [Sora Ai]
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इतिहास के पन्नों में 25th September का दिन कई मायनों में विशेष है। यह दिन भारत और विश्व के राजनीतिक, सामाजिक तथा वैज्ञानिक घटनाओं का गवाह बना है। भारत में इस दिन (Pandit Deendayal Upadhyaya) जैसे महान विचारक का जन्म हुआ, जबकि विश्व स्तर पर कई क्रांतिकारी बदलाव हुए। कभी यह दिन युद्ध और जीत की कहानी सुनाता है, तो कभी स्वतंत्रता, समानता और विज्ञान की ओर बढ़ते कदमों को दिखाता है। यही कारण है कि 25 सितंबर को हम केवल तारीख़ नहीं मानते, बल्कि इसे इतिहास में दर्ज उन घटनाओं के रूप में याद करते हैं जिन्होंने मानवता को नई दिशा दी। आइए जानते हैं 25th सितंबर (History Of 25th September) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।

वास्को नुन्येज़ डी बालबोआ का प्रशांत महासागर दर्शन

Retrato de Vasco Nuñez de Balboa [Wikimedia Commons]
Retrato de Vasco Nuñez de Balboa [Wikimedia Commons]

25 September 1513 को स्पेन के खोजी (Vasco Núñez de Balboa) ने (Panama Isthmus) को पार कर सबसे पहले (Pacific Ocean) को देखा। यह घटना विश्व इतिहास में एक मील का पत्थर बनी क्योंकि यूरोपियों ने पहली बार प्रशांत महासागर का दर्शन किया। इस खोज ने भविष्य में समुद्री व्यापार और उपनिवेशवाद का नया अध्याय शुरू किया। इसके बाद यूरोपीय साम्राज्य एशिया और अमेरिका में और गहराई तक फैल सके। बालबोआ की यह उपलब्धि समुद्री यात्राओं और खोजों के युग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाती है।

तिरुवन्नामलाई की लड़ाई

First Anglo-Mysore War [Wikimedia Commons]
First Anglo-Mysore War [Wikimedia Commons]

25 September 1767 को दक्षिण भारत के (Tiruvannamalai) में (First Anglo-Mysore War) की एक अहम लड़ाई हुई। इसमें (Hyder Ali) की सेना ने (British East India Company) की सेनाओं को हराया। यह जीत दक्षिण भारत के शक्ति संतुलन के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी। अंग्रेजों ने सोचा था कि वे आसानी से विजय प्राप्त करेंगे, लेकिन हैदर अली की रणनीति और साहस ने उनकी योजनाओं को असफल कर दिया। इस युद्ध ने दिखाया कि स्थानीय भारतीय शासक भी अंग्रेजों का मुकाबला कर सकते हैं। यह घटना भारत के औपनिवेशिक संघर्षों में अहम मानी जाती है।

अमेरिकी संविधान संशोधन

US constitutional amendment [Wikimedia Commons]
US constitutional amendment [Wikimedia Commons]

25 September 1789 को अमेरिकी कांग्रेस ने (US 12 Constitutional Amendments) पारित किए और राज्यों को अनुमोदन हेतु भेजे। इनमें से (10 Amendments) को बाद में (Bill of Rights) के रूप में स्वीकार किया गया। इन अधिकारों ने अमेरिकी नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धार्मिक आज़ादी, सुरक्षा और न्याय की गारंटी दी। यह घटना अमेरिका में लोकतंत्र की मजबूती और नागरिक अधिकारों के विकास का प्रतीक बनी। आज भी (Bill of Rights) अमेरिका के लोकतांत्रिक ढांचे की बुनियाद माने जाते हैं और पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

कोलम्बिया विश्वविद्यालय पत्रकारिता विद्यालय की स्थापना

Columbia University [Wikimedia Commons]
Columbia University [Wikimedia Commons]@Epicsunwarrior

25 September 1912 को (Columbia University, New York) में (School of Journalism) की स्थापना की गई। इसे अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित पत्रकारिता विद्यालयों में गिना जाता है। इसका उद्देश्य निष्पक्ष और उच्च स्तर की पत्रकारिता को बढ़ावा देना था। इस संस्था से कई नामी पत्रकार निकले जिन्होंने विश्व में स्वतंत्र मीडिया और जनहित पत्रकारिता को आगे बढ़ाया। आज भी कोलम्बिया जर्नलिज़्म स्कूल (Pulitzer Prize) का संचालन करता है, जो पत्रकारिता जगत का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म

Pandit Deendayal Upadhyaya [Wikimedia Commons]
Pandit Deendayal Upadhyaya [Wikimedia Commons]

25 September 1916 को (Pandit Deendayal Upadhyaya) का जन्म हुआ। वे भारतीय राजनीति के महान विचारक और (Integral Humanism) के प्रवर्तक थे। उनका मानना था कि विकास का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचना चाहिए। उन्होंने (Bharatiya Jana Sangh) की नींव मजबूत की और आगे चलकर उनकी विचारधारा (Bharatiya Janata Party) के लिए प्रेरणा बनी। भारत सरकार ने उनकी जयंती को (Antyodaya Diwas) के रूप में घोषित किया। आज भी उनकी नीतियाँ और विचार भारत की राजनीति में मार्गदर्शक माने जाते हैं।

लिटिल रॉक स्कूल घटना

25 September 1957 को अमेरिका के (Little Rock, Arkansas) में नस्लभेद के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया गया। वहाँ नौ अश्वेत छात्रों को (Central High School) में प्रवेश दिलाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति (Dwight D. Eisenhower) ने सेना भेजी। यह घटना (Civil Rights Movement) का प्रतीक बन गई। इसने दिखाया कि अमेरिकी सरकार नस्ली समानता को सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है। यह संघर्ष आगे चलकर अश्वेत नागरिकों के अधिकारों की दिशा में एक मजबूत आधार बना और दुनिया को समानता की दिशा में प्रेरित किया।

अफ्रीका में मोज़ाम्बिक का गृहयुद्ध

victim in Mozambique [Wikimedia Commons]
victim in Mozambique [Wikimedia Commons]

25 September 1977 को (Mozambique) में लंबा और भीषण (Civil War) शुरू हुआ, जो 1992 तक चला। यह युद्ध स्वतंत्रता के बाद सत्ता संघर्ष और वैचारिक टकराव के कारण भड़का। लाखों लोग प्रभावित हुए और देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई। अंततः शांति समझौते के बाद यह युद्ध समाप्त हुआ। इस घटना ने दुनिया को दिखाया कि उपनिवेशवाद के बाद स्वतंत्र राष्ट्रों में स्थिरता बनाना कितना कठिन था।

जर्मनी का पुन:एकीकरण समझौता

जर्मनी का पुन:एकीकरण समझौता [Wikimedia Comoons]
जर्मनी का पुन:एकीकरण समझौता [Wikimedia Comoons]

25 September 1990 को (East Germany) और (West Germany) ने औपचारिक रूप से (Reunification Treaty) पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद (3 October 1990) को जर्मनी आधिकारिक रूप से एक देश बना। यह घटना शीत युद्ध (Cold War) की समाप्ति का प्रतीक थी। इससे न केवल यूरोप का नक्शा बदला बल्कि वैश्विक राजनीति में भी बड़ा परिवर्तन आया। जर्मनी का यह पुनर्मिलन आज भी आधुनिक विश्व इतिहास की सबसे अहम घटनाओं में गिना जाता है।

नासा का मार्स ऑब्ज़र्वर लॉन्च

Mars Observer [wikimedia Commons]
Mars Observer [wikimedia Commons]

25 September 1992 को (NASA) ने (Mars Observer Mission) लॉन्च किया। इसका उद्देश्य मंगल ग्रह की सतह और वायुमंडल का अध्ययन करना था। हालांकि तकनीकी खराबी के कारण यह मिशन असफल रहा और (1993) में इसका संपर्क टूट गया। फिर भी इस मिशन से मिली जानकारी और अनुभव ने भविष्य के मंगल अभियानों के लिए मार्ग प्रशस्त किया। बाद में (Mars Global Surveyor) और अन्य सफल अभियानों ने इसी आधार पर कार्य किया। यह घटना अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक बड़ा सबक और प्रेरणा मानी जाती है।

भारत का 'अन्त्योदय दिवस' मनाया जाना

Antyodaya Diwas [Wikimedia Commons]
Antyodaya Diwas [Wikimedia Commons]

25 September 2014 से भारत सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को (Antyodaya Diwas) के रूप में मनाना शुरू किया। इस दिन विशेष रूप से गरीबों और समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाएँ पहुँचाने पर बल दिया जाता है। यह दिन सरकारी कार्यक्रमों और सामाजिक अभियानों से जुड़ा होता है। इसका मकसद उपाध्याय जी के उस विचार को आगे बढ़ाना है जिसमें हर गरीब को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की बात कही गई थी।

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