सरदार वल्लभभाई पटेल: भारत के आयरन मैन

सरदार वल्लभभाई पटेल, जिन्हें हम “भारत का आयरन मैन” नाम से भी जानते हैं, आज़ाद भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री थे। उन्होंने वह काम किया जिसे आज भी लोग असंभव मानते हैं, भारत जैसे विशाल देश को एक झंडे और एक संविधान के नीचे लाना। इसी वजह से उन्हें “अखंड भारत के निर्माता” (Architect of Unified India) भी कहा जाता है।
भारत के आयरन मैन। (Sora AI)
भारत के आयरन मैन। (Sora AI)
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पटेल का बचपन

पटेल (Sardar Patel) का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात (Gujarat) के नाडियाड में हुआ। वह एक साधारण परिवार से आते थे लेकिन पढ़ाई में बहुत तेज़ थे। वकालत पढ़ने के बाद वे एक सफल वकील बने। 1917 में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) से मुलाकात के बाद उनका जीवन बदल गया और वे स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए।

पटेल का आज़ादी मै सहयोग और संघर्ष

खेड़ा सत्याग्रह में किसानों के लिए उनकी लड़ाई ने उन्हें पहचान दिलाई। बड़ोली सत्याग्रह में उनके नेतृत्व और सहयोग कि मदद से किसानों की जीत हुई। इसके बाद उन्होंने असहयोग आंदोलन (Non Cooperation Movement), सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) में हिस्सा लिया और इस कारण वर्ष उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा।

देश को एकजुट करने का मिशन

भारत को 1947 मै आज़ादी मिली, लेकिन यहाँ 562 अलग-अलग रियासतें थीं। और उन्हें तीन विकल्प दिए गए पाकिस्तान से जुड़ना, भारत में शामिल होना या अपना अलग और आज़ाद देश बनाना। ऐसे मुश्किल समय में पटेल ने वी.पी. मेनन के साथ मिलकर शांतिपूर्ण तरीके से और बात चित के ज़रिये ज्यादातर रियासतों को भारत में शामिल कराने मै सक्षम रहे।

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हैदराबाद, जूनागढ़ और जम्मू–कश्मीर जैसे मामले आसान नहीं थे।

जूनागढ़: मुस्लिम नवाब पाकिस्तान में शामिल होना चाहते थे, लेकिन वहां की जनता भारत में आना चाहती थी। जनमत संग्रह के बाद जूनागढ़ भारत में शामिल हो गया।

हैदराबाद: निज़ाम भारत में शामिल होने के लिए राज़ी नहीं थे, लेकिन पटेल ने बातचीत की और अंत में ‘ऑपरेशन पोलो’ के ज़रिए हैदराबाद को भारत में मिलाया।

जम्मू–कश्मीर: पाकिस्तान के कबायली हमले के बाद वहां के राजा हरि सिंह ने भारत में विलय के दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए, और पटेल ने इसको सुनिश्चित किया।

‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ उनकी याद में बनाई गई। (Sora AI)
‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ उनकी याद में बनाई गई। (Sora AI)

मज़बूत प्रशासन की नींव

पटेल को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) का जनक कहा जाता है। वे मानते थे कि मज़बूत प्रशासन ही देश को एकजुट और सुरक्षित रख सकता है। इसी सोच से उन्होंने इन सेवाओं को देश का “स्टील फ्रेम” बनाया।

पटेल का व्यक्तित्व और दूर दर्शिया सोच

पटेल का व्यक्तित्व सादा लेकिन बेहद मज़बूत था। वे गुस्से में भी सोच-समझकर फैसले लेते थे। उनके पास समस्याओं को सुलझाने का व्यावहारिक तरीका था, पहले बातचीत, फिर समाधान, और अगर कुछ काम न करें तो आखरी रास्ता सख़्ती। यही वजह है कि लोग उन पर भरोसा करते थे।

सम्मान और यादें

गुजरात के केवड़िया में 182 मीटर ऊंची "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी" उनकी याद में बनाई गई है, जो दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। हर साल 31 अक्टूबर को उनका जन्मदिन ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

आज़ादी मै सहयोग और संघर्ष। (Sora AI)
आज़ादी मै सहयोग और संघर्ष। (Sora AI)

निष्कर्ष

सरदार वल्लभभाई पटेल ने बिना अत्याचार, केवल समझदारी और दृढ़ संकल्प के साथ एक बिखरे हुए देश को एक किया। वे सच में “भारत के आयरन मैन” और “Architect of Unified India” थे, एक ऐसे नेता, जिनकी सोच और काम आज भी हमें एकता की ताक़त सिखाते हैं और यह सिख देते है की अगर इंसान चाहे तो वो नामुमकिन को भी मुमकिन कर सकता है। (RH/BA)

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