न्यूजग्राम हिंदी: प्रत्येक वर्ष मनाए जाने वाले विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (World Consumer Rights day) के नाम से ही स्पष्ट होता हैं कि इस दिन मनाने का उद्देश्य बाजार की ऐसी बुराइयों की ओर ध्यान आकर्षित करना हैं जो एक उपभोक्ता को विभिन्न प्रकार से नोचकर उसे कमजोर बना देती हैं। यह दिन उपभोक्ताओं के संरक्षण और सशक्तिकरण के लिए मनाया जाता हैं। इस दिन को मनाने की प्रेरणा अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी द्वारा दी गई हैं। 15 मार्च 1962 को सर्वप्रथम उनके द्वारा ही उपभोक्ताओं के मुद्दे को संबोधित करते हुए विश्व कांग्रेस को एक संदेश भेजा गया।
चलिए जानते हैं उन अधिकारों के बारे में जो भारत के उपभोक्ता को दिए गए हैं:
• सुरक्षा का अधिकार (Right to security)
प्रत्येक उपभोक्ता को यह अधिकार प्राप्त है कि वह वस्तु की कीमत, वजन, इस्तेमाल की विधि, वस्तु की लाभ और हानि के बारे जितनी अधिक हो सके जानकारी प्राप्त करे। क्योंकि यह सब सूचना सही और सटीक वस्तु चुनने में मददगार साबित होगी।
• पसंद का अधिकार
भारत का प्रत्येक उपभोक्ता चाहे वह अमीर हो या गरीब हो किसी भी आय वर्ग से आता हो बिना किसी जातीय भेदभाव के अपनी पसंद का सामान या वस्तु चुनने का अधिकार रखता है।
• उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार
इस अधिकार के अनुसार भारत के प्रत्येक उपभोक्ता को अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता शिक्षित होने का अधिकार प्राप्त है। उपभोक्ताओं को अपने इस अधिकार का पूर्ण रूप से प्रयोग करना चाहिए।
• सुनवाई का अधिकार
भारत का कोई भी उपभोक्ता जिसके अधिकारों का शोषण हुआ हो,या बाजार में जिसके साथ कोई भी शोषण हुआ हो वह अदालत में जा सकता है।
• निवारण मांगने का अधिकार
वह उपभोक्ता जिसके अधिकारों का शोषण हुआ हैं वह अदालत से समस्या के निवारण एवम नुकसान की भरपाई किसी के लिए भी अपील कर सकता हैं।
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