National Technology Day: जानिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस क्यों हैं खास?

भारत में प्रत्येक वर्ष 11 मई को टेक्नोलॉजी डे (Technology Day) के रूप में मनाया जाता है।
National Technology Day: जानिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस क्यों हैं खास? (Wikimedia Commons)

National Technology Day: जानिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस क्यों हैं खास? (Wikimedia Commons)

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ)

Published on
2 min read

न्यूजग्राम हिंदी: भारतवर्ष को मजबूत बनाने में टेक्नोलॉजी का बहुत बड़ा हाथ है। यही कारण है कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day) का भी बहुत महत्व है। भारत में प्रत्येक वर्ष 11 मई को टेक्नोलॉजी डे (Technology Day) के रूप में मनाया जाता है। यह तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज है क्योंकि 1998 में इसी दिन भारत द्वारा राजस्थान (Rajasthan) के पोखरण परीक्षण श्रृंखला में परमाणु परीक्षण दूसरी बार सफलतापूर्वक किया गया था। जिसका नेतृत्व डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (Dr. APJ Abdul Kalam) द्वारा किया गया था। इस ऑपरेशन का नाम शक्ति या पोखरण-2 हैं। यह दिन इसी मिशन की उपलब्धि को दर्शाता हैं। यही कारण हैं कि प्रत्येक वर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह तारीख देश की तकनीकी क्रांति की याद दिलाती है।

<div class="paragraphs"><p>National Technology Day: जानिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस क्यों हैं खास? (Wikimedia Commons)</p></div>
World Laughter Day: जानिए हंसी से जुड़ी रोचक बातें जिनसे आप होंगे अंजान

ऑपरेशन शक्ति के समय भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई (Atal Bihari Vajpayee) थे। ऑपरेशन शक्ति के सफलतापूर्वक परीक्षण के दो दिन बाद देश में दो अन्य परमाणु परीक्षण हुए। इसके साथ ही भारत दुनिया के उन देशों की सूची में शामिल हो गया जिनके पास परमाणु शक्ति है। बस यही कारण है कि 11 में को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।

<div class="paragraphs"><p>टेक्नोलॉजी डे (Technology Day)</p></div>

टेक्नोलॉजी डे (Technology Day)

Wikimedia Commons

11 मई के अहम होने के और कारण:

• हंस (भारत का विमान) 1998 में इसी दिन उड़ान भरी थी। हंस-3 नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरी द्वारा बनाया गया था। इसमें दो सीट थी। यह काफी हल्का था। यह पायलट को परीक्षण देने, हवा में फोटोग्राफी करने, निगरानी रखने और पर्यावरण से संबंधित परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल होता हैं।

• इसी दिन रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा त्रिशूल (Trishool) मिसाइल का आखिरी परीक्षण किया गया था। इसके बाद इसे वायुसेना और भारतीय थल सेना दोनों में शामिल कर लिया गया था यह जमीन से हवा में मार कर सकता है और यह छोटी दूरी का एक मिसाइल हैं।

PT

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com