
शादी, सपना या साजिश ?
जबलपुर के रहने वाले 45 वर्षीय इंद्र कुमार तिवारी (Indra Kumar Tiwari) को उम्र के इस मोड़ पर अपने जीवन की सबसे बड़ी खुशी मिली थी, वो खुशी थी शादी। उन्होंने खुशी तिवारी (Khushi Tiwari / Sahib Bano) नाम की महिला से विवाह किया और हर रस्म में पूरे मन से हिस्सा लिया। जयमाला, फेरे, फोटोशूट और सिंदूर के बाद वो नई जिंदगी की शुरुआत के सपनों में डूबे हुए थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि जिस लड़की से उन्होंने विवाह किया है, वह असल में उनकी मौत की साजिश रच रही है।
जिस महिला से इंद्र ने शादी की, उसका असली नाम साहिब बानो था। वह खुशी तिवारी (Khushi Tiwari / Sahib Bano) के नाम से फर्जी पहचान बना चुकी थी और उसके साथ था उसका प्रेमी कौशल कुमार (Kaushal Kumar)। दोनों ने मिलकर इंद्र को जाल में फंसाया, जिससे कि उसकी 18 एकड़ की ज़मीन पर कब्जा किया जा सके। कुछ महीने पहले इंद्र कुमार तिवारी जबलपुर में आयोजित एक धार्मिक कथा कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जहाँ उन्होंने कैमरे पर कहा था कि वो 45 साल के हो चुके हैं, अविवाहित हैं और उनके पास 18 एकड़ जमीन (18 acres of land) है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, और यहीं से साहिब बानो और उसके प्रेमी कौशल ने अपना शिकार तय कर लिया।
इसके बाद कौशल कुमार (Kaushal Kumar) ने खुद को संदीप और साहिबा (Khushi Tiwari / Sahib Bano) को खुशी तिवारी बताकर दोनों भाई-बहन बनकर साजिश रचना शुरू कर दिया। इसके बाद कौशल ने इंद्र से संपर्क किया और कहा कि वह अपनी बहन की शादी इंद्र से करवाना चाहता है। इंद्र (Indra Kumar Tiwari) ने यह प्रस्ताव खुशी से स्वीकार कर लिया और बातचीत शुरू हो गई। धीरे-धीरे यह बातचीत भावनात्मक रिश्ते में बदल गई और 3 जून 2025 को इंद्र गोरखपुर पहुँच गए। वहाँ वो कौशल और खुशी के साथ एक किराए के मकान में रहने लगे। शादी से पहले ही खुशी ने इंद्र से एक हलफनामा बनवाया, जिसमें लिखा गया कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी जमीन की वारिस वह और उसका भाई संदीप होंगे। इंद्र ने उस पर भरोसे से दस्तखत कर दिए, शायद उन्हें इस षड्यंत्र की भनक तक नहीं थी।
5 जून को गोरखपुर के पास कुशीनगर के कसया इलाके में एक होटल में दोनों की शादी कराई गई। सब कुछ वैध तरीके से दिखाया गया, सिंदूर, जयमाला, तस्वीरें और वीडियो भी लिया गया, ताकि इंद्र को शक न हो। लेकिन सुहागरात के नाम पर उस रात एक खौफनाक हत्या की नाटक तैयार की गयी थी।उस रात शादी संपन्न होने के बाद दोनों खाना खाने के लिए बैठे और इंद्र के लिए पनीर राइस में नींद की गोलियाँ मिलाकर दिया गया और कुछ देर बाद इंद्र बेहोश हो गया। फिर खुशी, कौशल (Kaushal Kumar) और उनका ड्राइवर शमसुद्दीन अंसारी मिलकर उन्हें कार में डालकर एक सुनसान जगह ले गए और चाकुओं से गोद-गोदकर उनकी निर्मम हत्या कर दी। शव को झाड़ियों में फेंककर तीनों फरार हो गए।
6 जून को पुलिस को एक अज्ञात शव की सूचना मिली। शरीर पर कई चाकुओं के निशान थे, लेकिन पहचान नहीं हो पाई। दूसरी ओर जबलपुर में इंद्र के परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, क्योको वो 5 जून के बाद से उनसे संपर्क नहीं कर पाए। पुलिस ने कॉल डिटेल्स और मोबाइल लोकेशन के आधार पर जांच शुरू की और जल्द ही गोरखपुर में उस किराए के मकान तक पहुँच गई जहाँ इंद्र कुछ दिन पहले रुके थे। वहाँ से मिली जानकारी के आधार पर कुशीनगर पुलिस को सतर्क किया गया। फिर शव की पहचान इंद्र कुमार के रूप में हुई।
पुलिस ने होटल बुकिंग डिटेल्स, सीसीटीवी फुटेज और वाहन नंबर के ज़रिए खुशी तिवारी (Khushi Tiwari / Sahib Bano) कौशल कुमार (Kaushal Kumar) और शमसुद्दीन अंसारी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में तीनों ने हत्या की बात कबूल की और बताया कि उनका मकसद इंद्र (Indra Kumar Tiwari) की 18 एकड़ ज़मीन (18 acres of land) पर कब्जा करना था। गिरफ्तार आरोपियों के पास से इंद्र कुमार का आधार कार्ड, फोटो, शादी की तस्वीरें और अन्य कागज़ात भी बरामद किए गए हैं, जिससे साफ है कि इस हत्या को पहले से पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया था।
यह कहानी सिर्फ एक हत्या की नहीं, बल्कि एक इंसान के विश्वास को कुचलने की है। एक व्यक्ति जिसने पूरी निष्ठा से शादी की, सपने देखे, प्यार किया, उसे उसकी पत्नी ने सुहागरात पर ही धोखा देकर मौत के घाट उतार दिया। यह सब सिर्फ जमीन की लालच में किया गया था। फिलहाल तीनों आरोपी जेल भेज दिए गए हैं। कुशीनगर पुलिस का कहना है कि केस को मजबूत बनाया जा रहा है ताकि कोर्ट में आरोपियों को सख्त सज़ा दिलाई जा सके। यह घटना पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है, और सोशल मीडिया पर लोगों में गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है।
निष्कर्ष
इंद्र कुमार तिवारी को नहीं पता था कि उनकी जिंदगी की सबसे खूबसूरत रात ही उनकी आखिरी रात बन जाएगी। प्यार और शादी के नाम पर रची गई ये साजिश समाज के सामने एक खतरनाक चेहरा रखती है,लालच, फरेब और धोखे का। [Rh/PS]