न्यूजग्राम हिंदी: केंद्र सरकार ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt) को सूचित किया कि उसने जेईई एडवांस 2023 (JEE advance 2023) के लिए उपस्थित होने वाले छात्रों के लिए छूट की मांग वाली याचिका पर नोटिस का जवाब दे दिया है। न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की पीठ ने 67 छात्रों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि केंद्र का जवाब रिकॉर्ड में नहीं है और उसे ऐसा करने का निर्देश दिया। उन्होंने याचिकाकर्ताओं को जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय भी दिया है।
साथ ही निर्देश दिया है कि जवाब को रिकॉर्ड में रखा जाए और मामले को अगली सुनवाई के लिए 16 अप्रैल को सूचीबद्ध किया है। अदालत ने 7 मार्च को केंद्र और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया था और दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था।
आवेदकों ने आग्रह किया है कि उनके लिए इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा को फिर से देना संभव बनाया जाए क्योंकि पिछले साल जून और जुलाई में आयोजित जेईई मेन 2022 दोनों सत्रों में तकनीकी मुद्दों की समस्या थी। इन त्रुटियों ने उम्मीदवारों को परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने से रोका, जिससे कई उम्मीदवारों के स्कोर और प्रतिशत में महत्वपूर्ण कमी आई।
पिछले साल, जेईई परीक्षा के साथ कई तकनीकी मुद्दे थे, जिनमें लगातार कंप्यूटर क्रैश, कई मिनटों स्क्रीन का रूकना, लोड होने में बहुत अधिक समय लेना, अधूरे प्रश्न और बहुत कुछ शामिल थे।
कुछ छात्रों ने दावा किया कि वे परीक्षा देने में असमर्थ थे क्योंकि उनके सेंटरों को बिना किसी सूचना के अचानक बदल दिया गया था। कुछ उम्मीदवारों को उनके परिणामों में गलतियों के साथ-साथ उनकी रिस्पॉन्स शीट में अंतर का सामना करना पड़ा।
छात्रों को जेईई एडवांस्ड 2022 के दौरान इसी तरह की तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। तकनीकी कठिनाइयों का सामना करने वाले कई छात्रों के लिए यह उनका अंतिम प्रयास था।
यह 2020 में 12वीं कक्षा से स्नातक करने वाले छात्रों के लिए अंतिम जेईई मेन परीक्षा थी, और 2021 में 12वीं कक्षा से स्नातक करने वाले छात्रों के लिए अंतिम जेईई एडवांस प्रयास था।
--आईएएनएस/PT