जब महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का चेहरा भारतीय नोटों का हिस्सा नहीं था

आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि भारतीय नोटों पर गांधी जी की जो तस्वीर है वह कोई कार्टून नहीं बल्कि वह 1946 में राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhawan) के सामने खींची गई थी।
जब महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का चेहरा भारतीय नोटों का हिस्सा नहीं था (Wikimedia)

जब महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का चेहरा भारतीय नोटों का हिस्सा नहीं था (Wikimedia)

राष्ट्रपति भवन

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न्यूजग्राम हिंदी: क्या आप महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की तस्वीर के बिना भारतीय नोटों (Indian Notes) की कल्पना भी कर सकते हैं? आप में से अधिकतर का जवाब होगा नहीं।

लेकिन आपमें से बहुत कम लोग यह बात जानते होंगे कि भारतीय नोटों के लिए गांधीजी पहली पसंद नहीं थे। आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि भारतीय नोटों पर गांधी जी की जो तस्वीर है वह कोई कार्टून नहीं बल्कि वह 1946 में राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhawan) के सामने खींची गई थी।

हम उस समय की बात कर रहे हैं जब 1857 के तुरंत बाद अंग्रेजों ने रुपए को औपनिवेशिक भारत (Colonial India) की आधिकारिक मुद्रा घोषित कर दिया। लेकिन इस बार पुराने नोटों और सिक्कों की जगह पर किंग जॉन VI (King John VI) ने अपना स्थान बना लिया।

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इसके बाद 1947 में आजाद भारत के पहले नोट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने छापे जिन पर अशोक प्रतीक (Ashok Emblem) छापा गया था।

1950 के नोटों पर चित्र कुछ इस प्रकार छापे गए:

• 1,000 के नोट पर तंजोर मंदिर (Tanjore Temple) की तस्वीर

• 5,000 के नोट पर गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway of India) की तस्वीर

• 10,000 के नोट पर अशोक प्रतीक

1969 भारतीय रुपए के लिए एक बड़ा मोड लेकर आता है यह वही वर्ष था जब दुनिया गांधी जी की 100वीं जयंती (100th Birth Anniversary) मना रही थी। इसी वर्ष से भारतीय नोटों पर गांधी जी की तस्वीर छपने लगी।

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