
अपनी मौत के पूर्वाभास को पहले ही सार्वजनिक कर चुके थे गांधी जी (Wikimedia)
Mahatma Gandhi Death Anniversary
न्यूजग्राम हिंदी: गांधी जी (Gandhi ji) ने इस बात के संकेत कई बार दिए थे कि उनकी मृत्यु होने वाली है। मानो उन्हें पहले से ही अपनी मृत्यु का पूर्वाभास हो गया था। यह बात सुनने में थोड़ी अजीब लगती है लेकिन मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh University) के इतिहास वर्ग की पूर्व अध्यक्ष और गांधी अध्ययन संस्थान की निदेशक रह चुकी गीता श्रीवास्तव ने अपनी एक शोध में ऐसे कई दृष्टांतों पर प्रकाश डाला हैं जिनसे यह स्पष्ट होता है कि गांधी जी को अपनी मृत्यु का पूर्वाभास हो गया था।
डॉक्टर श्रीवास्तव के अनुसार 30 जनवरी 1948 से ठीक एक दिन पहले जिस दिन हत्यारों ने उन्हें अपनी गोली का निशाना बनाया था। गांधी जी ने हे राम का उच्चारण किया और दुनिया से कहा कि अब वह दुनिया से विदा लेने के इच्छुक हैं।
वहीं उन्होंने एक और दृष्टांत सांझा किया और कहा कि जब गांधी जी अपनी अंतिम प्रार्थना सभा जो काठियावाड़, गुजरात में हो रही थी में जाने को तैयार थे। उससे ठीक चंद मिनटों पहले उन्होंने उनसे मिलने आए दिल्ली के दो नेताओं तक यह सन्देश भिजवाया कि यदि वह जीवित रहे तो प्रार्थना सभा के पश्चात् वे लोग गांधी जी से बात कर सकते हैं। इस प्रकार डॉक्टर श्रीवास्तव में दो ऐसे दृष्टांत दुनिया के सामने रखें जिनमें अपनी अंतिम सांसें लेने से पहले के 24 घंटो में गांधी जी ने अपनी मृत्यु के पूर्वाभास को दर्शाया है।
गांधी जी का चश्मा
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यहां तक की 29 जनवरी को उन्होंने अपनी पौत्री मनु (Manu) से यह भी कह दिया था कि उनकी मृत्यु किसी भी कारण से होती है चाहे वह बीमारी हो या कोई मुहांसा तब भी वह घर की छत पर चिल्ला चिल्लाकर यह कहे कि वह एक झूठे महात्मा थे।
अंततः 30 जनवरी 1948 के उनके प्रार्थना सभा में पहुंचते ही नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) ने गांधी जी की पौत्री मनु (जिन का सहारा लेकर गांधी जी खड़े थे) को धक्का दिया और बापू के सामने घुटनों के बल झुक कर उन पर लगातार तीन गोलियां चला दी।
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