

Summary
उच्चायोग पर हमला: भारतीय हाई कमीशन को निशाना बनाना सीधा उकसावा है।
सीमा विवाद: घुसपैठ और फेंसिंग को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है।
भारत-विरोधी रुख: बयानबाज़ी और बाहरी देशों का दखल खतरा बढ़ा रहा है।
1965 में एक फिल्म आई थी 'वक्त', जिसमें दिवंगत अभिनेता राजकुमार मुख्य भूमिका में थे। इस सिनेमा में अभिनेता राज कुमार का फेमस डायलॉग है। फिल्म में वो 'लाला जी' (मदन पुरी) को चेतावनी देते हुए कहते हैं, ''चिनॉय सेठ! जिनके घर शीशे के होते हैं, वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते।"
ये डायलॉग भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश (Bangladesh) पर फिट बैठती है। पड़ोसी मुल्क इस समय यही कर रहा है। रह रहकर भारत के खिलाफ उटपटांग बयान देना, भारत के शत्रुओं को अपने देश में पनाह देना और भारत के राज्यों को अपने देश का हिस्सा बताना।
इन सारी चीजों को देखकर ऐसा ही लगता है कि बांग्लादेश (Bangladesh) रह रहकर भारत को युद्ध के लिए उकसा रहा है, और वो भी तब जब सबको पता है कि जीत किसकी होगी? तो ऐसे में चलिए समझते हैं कि क्यों भारत-बांग्लादेश के बीच युद्ध की नौबत आ सकती है।
साल 2024 में जब बांग्लादेश में छात्र आंदोलन हुआ, तो उसके बाद शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देकर भारत में शरणार्थी बनना पड़ा। एक साल से ज्यादा हो चुके हैं और शेख हसीना भारत में ही हैं। जब से उनकी सरकार गई है, उसके बाद से लेकर अब तक भारत-बांग्लादेश के रिश्ते काफी बिगड़ चुके हैं। पड़ोसी मुल्क में हिन्दू अल्पसंख्यों पर काफी अत्याचार हुए और आज भी हो रहे हैं।
हाल ही में नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के एक नेता हसनत अब्दुल्ला ने भारत को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वो अपने देश में भारत विरोधी ताकतों को पनाह देंगे। अब्दुल्ला ने ये भी कहा कि इसके जरिये वो भारत के 7 सिस्टर्स को काट देंगे। ऐसे में ये अब साफ़ होता दिख रहा है कि बांग्लादेश भारत से दो-दो हाथ करने के मूड में है। इसके 3 कारण दिखते हैं कि क्यों भारत-बांग्लादेश के बीच युद्ध की नौबत आ सकती है?
17 दिसंबर 2025 को बांग्लादेश (Bangladesh) में “July Oikya” नामक प्रदर्शनकारी समूह ने ढाका में बवाल मचा दिया। इस भीड़ ने भारतीय उच्चायोग पर हमला करने की कोशिश की। इन प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि भारत पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश भेजे क्योंकि उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई है। ऐसे में बांग्लादेश उन्हें ये सजा देना चाहता है। शुरुआत में तो पुलिस ने मार्च रोक दिया, लेकिन कुछ दर्शनकारी बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ गए।
नतीजा ये हुआ कि भारत ने ढाका में भारतीय वीज़ा एप्लीकेशन सेंटर (Visa Application Centre) को सुरक्षा कारणों के चलते अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। ये फैसला गंभीर परिस्थति को देखते हुए लिया गया है। हालांकि, ये बांग्लादेश (Bangladesh) का एक प्रकार से उकसावे वाला कदम है, क्योंकि उच्चायोग पर हमला करना एक गंभीर उल्लंघन है और इसे अक्सर "युद्ध का कार्य" (Act of War) के रूप में देखा जाता है। अगर युद्ध होता है, तो सबसे अहम कारण हो सकता है।
पिछले एक साल से भारत-बांग्लादेश की सीमा पर विवाद काफी बढ़ गया है। दोनों देशों के बीच लगभग 4,156 किलोमीटर की लंबी सीमा है। अक्सर सीमा पर अवैध घुसपैठ, तस्करी, चोरी-छिपे ड्रग्स और मानव तस्करी जैसे मामले सुनने को मिले हैं। हाल ही में जब भारत द्वारा सीमा पर फेंसिंग और कांटेदार तारबंदी का काम तेजी से हो रहा था, तब बांग्लादेश की तरफ से कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे अवैध बताया गया था।
इसके बाद दोनों देशों ने राजनयिक प्रतिनिधियों को तलब किया और तनाव बढ़ गया। साथ ही सीमा पर बीएसएफ और BGB के बीच तीखी बहस भी काफी देखने को मिली है। अगर नियंत्रण कहीं भी टूटता है, तो ऐसे हालातों में युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए सीमा विवाद का बढ़ना भी एक बड़ा कारण हो सकता है।
आज कल देखा जा रहा है कि बाहरी देश अपने टूल किट (Tool Kit) के जरिये देश में माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। नेपाल-श्रीलंका और खुद बांग्लादेश भी इसका बड़ा उदाहरण है। ऐसा कहा जाता है कि इन सारी जगहों पर अमेरिका का हाथ था क्योंकि इनकी 'अंकल सैम' से नहीं बन रही थी। वहीं, अब बांग्लादेश यूनुस के नेतृत्व में भारत के दुश्मन देश से अपनी नजदीकियां बढ़ा रहा है। हाल ही में बांग्लादेश की चीन और पाकिस्तान से नजदीकियां काफी बढ़ी हैं और ये दोनों देश भारत को जरा भी पसंद नहीं करते हैं। यही कारण है कि ढाका का रणनीतिक झुकाव बदल रहा है।
पड़ोसी देश के नेता खुलेआम ये स्वीकार कर रहे हैं कि वो पाकिस्तान के अराजक तत्व को अपने देश में पनाह दे रहे हैं। भारत के लिए चिंता की बात ये है कि भारत के 7 सिस्टर्स "असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा", इन सभी राज्यों की सीमाएं बांग्लादेश से लगती है और अगर ये देश अराजकतत्व को पनाह दे रहा है, तो ये इसपर भारत सरकार को सोचने की जरूरत है।
क्यों? क्योंकि क्षेत्रीय सामरिक संतुलन बिगड़ता है और बाहरी शक्तियों के हस्तक्षेप से परेशानियां बढ़ती हैं, तो यह युद्ध जैसी स्थिति के जोखिम को बढ़ा सकता है। एक बड़ा युद्ध तब ही संभव है, जब बाहरी सैन्य सप्लाई, रणनीतिक सलाह और आर्थिक समर्थन जैसे मुख्य कारण शामिल हों।
तो ये हैं, वो 3 अहम कारण, जिसकी वजह से भारत-बांग्लादेश के बीच युद्ध की नौबत आ सकती है।