

मिली जानकारी के अनुसार पूर्व आईपीएस (IPS) अधिकारी अमिताभ ठाकुर को उनके खिलाफ चल रही धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह मामला वर्ष 1999 का है, जब ठाकुर देवरिया जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत थे।
अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) पर आरोप है कि उनके द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जिला उद्योग केंद्र देवरिया के औद्योगिक प्लाट संख्या बी-2 का आवंटन अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम पर किया गया था, जिसमें उन्होंने जाली अभिलेख तैयार कर फर्जी नामों और पते का प्रयोग किया।
प्रकरण की शुरुआत तब हुई, जब संजय शर्मा नामक एक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। संजय ने आरोप लगाया कि नूतन ठाकुर ने अपने और अपने पति के नाम व पते में परिवर्तन कर, झूठे दस्तावेजों के आधार पर औद्योगिक प्लाट आवंटित करवाया।
इसके बाद, इस प्लाट को लाभ कमाने के उद्देश्य से विक्रय कर दिया गया। शिकायत में कहा गया कि नूतन ठाकुर ने खुद को और अपने पति को फर्जी नामों से प्रस्तुत किया और सरकारी विभागों तथा बैंकों को धोखा दिया।
लखनऊ डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को उनके खिलाफ चल रहे धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि संजय शर्मा की तहरीर पर तालकटोरा थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी और दस्तावेजों के फर्जीकरण का मामला पंजीकृत किया गया था। इस मामले की जांच के लिए डीसीपी पश्चिमी की ओर से एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी ने जांच के बाद बिहार में संबंधित पते का सत्यापन किया और गवाहों से पूछताछ की। इसके बाद पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार ट्रेन में पुलिस सिविल ड्रेस में थी और अमिताभ ठाकुर को शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पर उतार कर अपने साथ ले गए, जहां उन पर दर्ज भूमि आवंटन संबंधी मुकदमे में पूछताछ होगी।
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