अगर सरदार पटेल भारत के पहले पीएम होते तो देश को इतनी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता: अमित शाह

अगर सरदार पटेल नहीं होते तो भारत का नक्शा ऐसा नहीं होता। वो आधा अधूरा होता।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाहWikimedia
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सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर दिल्ली के सरदार पटेल स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शिरकत की। इस मौके पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में एक आम राय है कि अगर सरदार पटेल (Sardar Patel) भारत (India) के पहले पीएम होते तो देश को आज जितनी भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उनमें से अधिकांश का सामना न करना पड़ता।

अमित शाह के सरदार पटेल स्कूल पहुंचने पर मोरबी त्रासदी को देखते हुए कार्यक्रम को कम कर दिया गया और एक मिनट के मौन के बाद इसे शुरू किया गया। अमित शाह ने बच्चों से कहा कि सरदार पटेल को कांग्रेस वर्किंग कमिटी (Congress Working Committee) में सबसे ज्यादा वोट मिले थे। अगर वो चाहते तो प्रधानमंत्री बन सकते थे। मगर उन्होंने वो पद त्याग दिया।

अमित शाह/सरदार पटेल
अमित शाह/सरदार पटेलIANS

अमित शाह ने बताया कि अमूल के रूप में देश के कोऑपरेटिव मूवमेंट को जमीन पर उतारने का काम भी सरदार पटेल ने ही किया है। आज भारत का जो नक्शा है, अगर सरदार पटेल नहीं होते तो भारत का नक्शा ऐसा नहीं होता। वो आधा अधूरा होता। अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर भी अगर भारत का मुकुट है, तो वो भी सरदार पटेल की वजह से है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि दुनिया की अर्थतंत्र की तालिका में भारत ब्रिटेन (Britain) को पीछे छोड़कर पांचवें नंबर पर आया है। ये अपने पुरुषार्थ के आधार पर आया है। जिन्होंने हमारे ऊपर 150 साल राज किया, हमने उनको पीछे छोड़ा है। यही नहीं मेच्योर डेमोक्रेसी (Democracy) देने का काम भी सरदार पटेल ने किया है। सरदार पटेल ने ही अंबेडकर (Ambedkar) को संविधान बनाने का काम दिया और कई जगहों पर दखल देकर उसे संतुलित करने का काम भी किया।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह
सरदार पटेल के जीवन से जुड़ी किताब 'सरदार एक दंतकथा नहीं, जीवन कथा'

अमित शाह ने आगे ये भी कहा कि 75 सालों में हमने देश को सुरक्षित किया है। आज कोई भी भारत की सीमा और सेना का अपमान नहीं कर सकता। देश के 80 करोड़ लोग जो अलग जीवन जी रहे थे, उन्हें आगे लाने का काम भी किया है। 2-5 सालों में हम दुनिया के प्रमुख देशों के नजदीक पहुंच जाएंगे।

आईएएनएस/RS

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