संसद के मानसून सत्र का समापन हो गया है। सोमवार को संसद के दोनों सदनों- लोक सभा और राज्य सभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
संसद का मानसून सत्र पिछले महीने 18 जुलाई को शुरू हुआ था और इसके 12 अगस्त तक चलने की संभावना थी लेकिन तय समय से पहले सोमवार को ही सत्र का समापन हो गया।
खाद्य पदार्थों पर लगे जीएसटी, महंगाई और ईडी की कार्यवाही के विरोध में विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से इस बार लोक सभा में उत्पादकता दर काफी कम रही। इस सत्र के दौरान लोक सभा की कुल 16 बैठकें हुई, जिनकी कुल अवधि 44 घंटे और 29 मिनट रही और सदन के वर्तमान मानसून सत्र में महज 48 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया।
सत्रहवीं लोक सभा के नौवें सत्र के समापन की घोषणा करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि इस सत्र के दौरान, 6 सरकारी विधेयक पुर्न:स्थापित किए गए और भारतीय अंटार्कटिक विधेयक- 2022, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक- 2022, वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक- 2022 तथा केन्द्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2022 सहित कुल मिलाकर 7 विधेयक पारित किए गए।
सदन में कामकाज की जानकारी देते हुए बिरला ने आगे कहा कि सत्र के दौरान सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 318 मामले तथा अविलंबनीय लोक महत्व के 98 मामले उठाए। संसद की स्थायी समितियों ने सभा में 41 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। सत्र के दौरान 46 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए।
उन्होंने बताता कि मंत्रियों द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर कुल 47 वक्तव्य दिए गए जिनमें 2 वक्तव्य उत्तरों में सुधार से संबंधित थे तथा 3 वक्तव्य संसदीय कार्य मंत्री द्वारा सरकारी कार्य के संबंध में दिए गए । सत्र के दौरान, सम्बद्ध मंत्रियों द्वारा 1641 पत्रों को सभा पटल पर रखा गया।
मानसून सत्र में लोक सभा में महंगाई और भारत में खेलों को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता और इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में नियम 193 के अंतर्गत दो अल्पकालिक चचार्एं भी की गईं।
बिरला ने सत्र के संचालन और सदन की कार्यवाही को चलाने में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के प्रति आभार भी व्यक्त किया।
(आईएएनएस/AV)