

यह कार्रवाई डिविजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) मनीष कुमार गुप्ता (Manish Kumar Gupta) के निर्देश और डिविजनल सिक्योरिटी कमिश्नर (डीएससी) आरपीएफ मालदा, असीम कुमार कुल्लू की देखरेख में की गई। आरपीएफ ने बताया कि मालदा डिवीजन में रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों पर लगातार सतर्कता बढ़ाई गई है ताकि यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ अवैध गतिविधियों पर भी अंकुश लगाया जा सके।
पहली कार्रवाई में 19 दिसंबर की शाम करीब 4 बजे बरहरवा स्टेशन पर ट्रेन एस्कॉर्टिंग टीम से सूचना मिली कि ट्रेन संख्या 15734 बठिंडा–बालुरघाट फरीक्का एक्सप्रेस के कोच एस-1 में कुछ संदिग्ध बैग ले जाए जा रहे हैं। ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचते ही आरपीएफ/बरहरवा टीम ने एस्कॉर्ट स्टाफ की सहायता से सघन जांच की।
जांच के दौरान 18 बोरे बरामद किए गए, जिनमें 16 बैग में 40-40 जीवित कछुए (कुल 640), एक बैग में 21 कछुए और एक बोरे में एक बड़ा जीवित कछुआ बरामद किया गया। इस तरह इस कार्रवाई में कुल 662 जीवित कछुओं को जब्त किया गया। इस दौरान एक पुरुष और दो महिलाओं को ट्रेन से उतारकर हिरासत में लिया गया और साहिबगंज वन विभाग को पूरे मामले की जानकारी दी गई।
दूसरी कार्रवाई में रात तकरीबन 10 बजे मालदा टाउन स्टेशन से ट्रेन संख्या 13410 किउल-मालदा टाउन इंटरसिटी एक्सप्रेस में एस्कॉर्टिंग ड्यूटी के दौरान आरपीएफ ने एक महिला यात्री को पांच भारी बैकपैक और एक जूट बैग ले जाते देखा। न्यू फरक्का से ट्रेन निकलने के बाद महिला बैगों के बारे में कोई संतोषजनक जानकारी नहीं दे सकी, जिसके बाद सूचना मालदा पोस्ट को भेजी गई। इसके बाद, मालदा टाउन स्टेशन पहुंचने पर महिला स्टाफ के साथ संयुक्त जांच में बैगों से 128 जीवित कछुए बरामद किए गए।
बरामद किए गए समस्त कछुए और आरोपियों (Accused) को संबंधित वन विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दिया गया है।
आरपीएफ के अनुसार रेलवे के जरिए बड़े पैमाने पर अवैध वन्यजीव तस्करी (Illegal Wildlife Trafficking) की कोशिशें होती रही हैं। ऐसे में इंटेलिजेंस आधारित कार्रवाई, स्टेशनों पर कड़ी निगरानी और चलती ट्रेनों में तलाशी को प्राथमिकता दी जा रही है। ऑपरेशन वाइलैप के तहत की गई यह कार्रवाई मालदा डिवीजन की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
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