रंगकर्मी आमिर रजा हुसैन का 66 वर्ष की आयु में निधन

'बाहुबली', 'RRR' और अब आने वाली 'आदिपुरुष' जैसी बड़े पर्दे की फिल्मों से बहुत पहले आमिर रजा हुसैन की रचनात्मक शक्ति ने भारत को 'द फिफ्टी डे वॉर' के जरिए एक मेगा नाट्य निर्माण का अनुभव कराया
रंगकर्मी  आमिर रजा हुसैन का 66 वर्ष की आयु में निधन(IANS)

रंगकर्मी आमिर रजा हुसैन का 66 वर्ष की आयु में निधन(IANS)

आमिर रजा हुसैन

Published on
1 min read

न्यूज़ग्राम हिंदी:  'बाहुबली', 'RRR' और अब आने वाली 'आदिपुरुष' जैसी बड़े पर्दे की फिल्मों से बहुत पहले आमिर रजा हुसैन की रचनात्मक शक्ति ने भारत को 'द फिफ्टी डे वॉर' के जरिए एक मेगा नाट्य निर्माण का अनुभव कराया, जिसे वर्ष 2000 तक किसी भी पैमाने या दृष्टि से दोहराया नहीं गया।

शनिवार, 3 जून को 66 वर्षीय हुसैन का निधन हो गया, जो अपने पीछे यादगार मंच प्रस्तुतियों की विरासत छोड़ गए।

उनके परिवार में उनकी पत्नी और उनकी रचनात्मक साथी विराट तलवार हैं, जिनसे वह तब मिले थे, जब वह लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा थीं और एक नाटक ('डेंजरस लाइजन') के लिए ऑडिशन देने आई थीं। उनके दो बेटे हैं।

<div class="paragraphs"><p>रंगकर्मी  आमिर रजा हुसैन का 66 वर्ष की आयु में निधन(IANS)</p></div>
Summer Tips: बिना एसी और कूलर के इन उपायों से रखें घर को ठंडा



'द लीजेंड ऑफ राम' के निर्माण में तीन एकड़ में फैले 19 आउटडोर सेट और महाकाव्य से लिए गए विभिन्न पात्रों को निभाने वाले 35 कलाकारों की एक कास्ट और 100 सदस्यीय तकनीकी दल शामिल थे। आखिरी शो तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के सामने 1 मई 2004 को पेश किया गया।

हुसैन का जन्म 6 जनवरी, 1957 को एक कुलीन अवधी परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता का तलाक हो गया था। उनके पिता इंजीनियर थे और उन्होंने मक्का-मदीना के जल कार्यो को स्थापित किया था। उनकी मां और उनका परिवार - ब्रिटिश राज के दिनों में वे पीरपुर नाम की एक छोटी सी रियासत संभालते थे।

91 प्रस्तुतियों और उनके पीछे 1,100 से अधिक प्रदर्शनों के साथ और 2001 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। हुसैन ने अपने आखिरी साल दक्षिण दिल्ली के ऐतिहासिक साकेत इलाके में सेलेक्ट सिटीवॉक मॉल के बगल में किला विकसित करने में बिताए।

--आईएएनएस

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com