
वहीं, सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग भी देशभर के नागरिकों से 5 महत्वपूर्ण प्रश्न पूछने की तैयारी कर रहा है। आयोग के इस कदम का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध और पारदर्शी बनाना और इस प्रक्रिया में जनभागीदारी बढ़ाना है।
चुनाव आयोग के सवाल इस प्रकार हैं:
मतदाता सूची की गहन जांच होनी चाहिए कि नहीं?
मरे हुए लोगों के नाम हटाने चाहिए कि नहीं?
जिन लोगों के नाम मतदाता सूची में दो या अधिक जगह पर हैं, उनके नाम एक ही जगह पर होने चाहिए कि नहीं?
जो लोग दूसरी जगह जा बसे हैं, उनके नाम हटाने चाहिए कि नहीं?
विदेशियों के नाम हटाने चाहिए कि नहीं?
इसके बाद कहा गया है, "अगर उत्तर 'हां' में है, तो फिर चुनाव आयोग को मतदाता सूची को शुद्ध बनाने के इस कठिन कार्य को सफल बनाने में अपना योगदान दीजिए।"
बता दें, राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर चुनाव प्रक्रिया में धांधली के आरोप लगाए हैं। इसके जवाब में आयोग ने नेता प्रतिपक्ष से हलफनामा दायर करने के लिए कहा है। आयोग ने कहा कि या तो राहुल हलफनामा दायर करें, या फिर देश से माफी मांगे। राहुल ने इससे मना कर दिया था। वे हाल ही में एसआईआर के मुद्दे पर आयोग को घेर रहे हैं।
इससे पहले राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से पांच सवाल पूछे थे। उनके सवाल इस प्रकार थे: विपक्ष को डिजिटल मतदाता सूची क्यों नहीं दी जा रही? आप क्या छिपा रहे हैं? सीसीटीवी और वीडियो साक्ष्य मिटाए जा रहे हैं - क्यों? किसके आदेश पर? फर्जी वोटिंग और मतदाता सूची में हेरफेर - क्यों? विपक्षी नेताओं को धमकाना और डराना - क्यों? हमें यह स्पष्ट बताएं - क्या चुनाव आयोग अब भाजपा का एजेंट बन गया है?
[IANS/SS]