

निशिकांत दुबे ने कहा, "मेरे पास पूर्णिया सीट है, मेरे पास कटिहार सीट है और सबसे महत्वपूर्ण, भागलपुर जिले में मेरी तीन सीटें हैं। पीरपैंती मेरी होम कंस्टीट्यूएंसी (Home Constituency) है, कहलगांव वह ब्लॉक है जिससे मैं जुड़ा हूं और भागलपुर (Bhagalpur) वह क्षेत्र है जहां मैं लगातार मतदाता रहा हूं। मैं इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में सीधे तौर पर सक्रिय रहता हूं, लेकिन यह भी सच है कि ये इलाके (चाहे नाथनगर हो, भीपुर हो या गोपालपुर) सब एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। आज की राजनीति में एक विधानसभा का माहौल दूसरी सीट को भी प्रभावित करता है।"
उन्होंने कहा, "55 साल, 65 साल और 85 साल के बुजुर्ग और सम्मानित लोग प्रधानमंत्री मोदी, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और एनडीए (NDA) को आशीर्वाद दे रहे हैं। अब आप खुद बताइए, क्या कहीं कोई चुनाव है? यह चुनाव जैसा कुछ है ही नहीं।"
उन्होंने आगे कहा कि इस बार चुनाव में एनडीए को जनता का भारी समर्थन मिल रहा है। दुबे ने दावा किया कि बुजुर्गों का जो उत्साह दिख रहा है, वह साफ संकेत देता है कि मुकाबला एकतरफा है।
इसके साथ ही निशिकांत दुबे ने शिक्षा क्षेत्र में होने वाले संभावित बड़े बदलावों पर भी बात की। उन्होंने बताया कि अगर भागलपुर में एसटीपीआई (सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया) की स्थापना होती है, तो यह क्षेत्र शिक्षा और टेक्नोलॉजी (Technology) का नया केंद्र बन सकता है।
सांसद दुबे ने कहा, "जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, अगर एसटीपीआई यहां आता है, तो एनआईईएलआईटी, सी-डीओटी और सी-डीएसी जैसी संस्थाएं भी यहां आ सकती हैं, ठीक उसी तरह जैसे ये संस्थान देवघर में तेजी से विकसित हो रहे हैं। इन संस्थानों के आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में एक बिल्कुल नई तरह की प्रगति देखने को मिलेगी। इससे युवाओं को रोजगार, प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीकी शिक्षा के नए अवसर मिलेंगे।"
उन्होंने विश्वास जताया कि भागलपुर और आसपास के इलाके आने वाले समय में विकास के नए केंद्र के रूप में उभरेंगे और यह पूरा क्षेत्र न सिर्फ राजनीतिक रूप से, बल्कि शिक्षा (Education), टेक्नोलॉजी (Technology) और रोजगार (Employment) के क्षेत्र में भी नई पहचान बनाएगा।
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