यूपी: "विवाह पखवाड़ा" दे रहा सामूहिक विवाह को बढ़ावा?

इस साल अगस्त तक सामूहिक विवाह योजना के तहत 1.91 लाख से अधिक जोड़े शादी के बंधन में बंध चुके हैं।
विवाह पखवाड़ा
विवाह पखवाड़ाIANS

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) इस महीने के अंत में 'विवाह पखवाड़ा (Vivah Pakdwada) ' आयोजित करने जा रही है। योजना का उद्देश्य मुख्यमंत्री की 'सामूहिक विवाह (Samuhik Vivah)' योजना को बढ़ावा देना है, जिसकी घोषणा योगी आदित्यनाथ के 2017 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद की गई थी।

इस साल अगस्त तक सामूहिक विवाह योजना के तहत 1.91 लाख से अधिक जोड़े शादी के बंधन में बंध चुके हैं।

एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि 1.91 लाख जोड़ों में से 21,025 अल्पसंख्यक समुदायों से थे, 60,875 ओबीसी (OBC) थे, 10,129 एससी/एसटी (SC/ST) समुदाय से थे जबकि 7,858 सामान्य (General) वर्ग से थे।

विवाह पखवाड़ा
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प्रवक्ता ने आगे बताया, "योजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए, स्थानीय जन प्रतिनिधि और प्रशासन अधिकारी मेजबान की भूमिका निभाते हैं और जोड़ों के माता-पिता उन्हें आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित होते हैं। इन समारोहों का उद्देश्य अनावश्यक खर्च को रोकना है। सरकार ने इस योजना के लिए बजट में 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।"

प्रवक्ता ने बताया कि यह योजना बाल विवाह को रोकने में भी फायदेमंद साबित हो रही है। अभिभावक बच्चों की शादी को कराने में जल्दी में नहीं थे।

सरकार इस योजना के तहत प्रत्येक जोड़े पर 51,000 रुपये खर्च करती है।

योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथWikimedia

इसमें से 35,000 रुपये लाभार्थी लड़की या महिला के खाते में जमा किए जाते हैं, जबकि शेष राशि से 10,000 रुपये का सामान दंपति को दिया जाता है और 6,000 रुपये समारोह पर खर्च किए जाते हैं।

एक परिवार जिसकी वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम है वह इस योजना के लिए पात्र है। लड़की की उम्र 18 साल या उससे ज्यादा और लड़के की 21 साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए। लाभार्थी यूपी के निवासी होने चाहिए।

आईएएनएस/PT

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