भारत रत्न डॉ अब्दुल कलाम के पुण्यतिथि पर पढ़ें उनके वो प्रसिद्ध कथन, जो आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है

भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, भारत के पूर्व राष्ट्रपति व मिसाइल मैन के नाम से विख्यात वैज्ञानिक(Image: Wikimedia Commons)
भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, भारत के पूर्व राष्ट्रपति व मिसाइल मैन के नाम से विख्यात वैज्ञानिक(Image: Wikimedia Commons)

मिसाइल मैन के नाम से मशहूर दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की 5वीं पुण्यतिथि पर आज यानी 27 जुलाई को पूरा राष्ट्र उन्हें याद कर रहा है। डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का पूरा नाम 'अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम' था । अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु राज्य के एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था, और उनका निधन 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में हुआ था। 'मिसाइल मैन ऑफ इंडिया' ने 2002 और 2007 के बीच भारत के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार  संभाला था। कलाम जी का  जीवन 'सरल और उच्च सोच' के दर्शन के माध्यम से लाखों लोगों को प्रेरित  करते रहेगा।

आइये जानते हैं डॉक्टर अब्दुल कलाम के प्रसिद्ध कथन कौन कौन से हैं

  • अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो, पहले सूरज की तरह जलना सीखो ।
  • इंतज़ार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं ।
  • सपने वो नहीं होते हैं जो नींद में देखे जाते हैं, सपने वो होते हैं जो आपको नींद ही नहीं आने देते हैं।
  • राष्ट्र के सबसे अच्छे दिमाग कक्षा में सबसे आखिरी बेंच पर पाए जा सकते हैं।
  • आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते, लेकिन अपनी आदतों को बदल सकते हैं और निश्चित रुप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देगी।
  • सफलता की कहानियां मत पढ़ो उससे आपको केवल एक संदेश मिलेगा, असफलता की कहानियां पढ़ो, उससे आपको सफल होने के विचार और सुझाव मिलेंगे। 
  • जीवन में फेल होते हैं तो कभी हार ना मानें क्योंकि; फेल मतलब फर्स्ट अटेम्प्ट इन लर्निंग होता है ।
  • अपनी पहली सफलता के बाद विश्राम मत करो, क्‍योंकि अगर आप दूसरी बार में असफल हो गए तो बहुत से होंठ यह कहने के इंतजार में होंगे कि आपकी पहली सफलता केवल एक तुक्‍का थी।
  • शिखर तक पहुंचने के लिए ताकत चाहिए होती है,चाहे वो माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या आपका पेशा
  • नकली सुख की बजाय, ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये।
  • ब्‍लैक" कलर भावनात्‍मक रूप से बुरा होता है लेकिन हर ब्‍लैकबोर्ड विद्यर्थियों की जिंदगी 'ब्राइट' बनाता है ।

भले ही डॉक्टर अब्दुल कलाम आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके ये  कथन लाखों लोगों को आज भी प्रेरित करते हैं।

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