खुशियों की चाबी हैं गीता के ये उपदेश

मनुष्य गीता (Gita) के उपदेशों का पालन कर हमेशा खुश रह सकता है। आज इस लेख में हम आपको गीता के इन्हीं उपदेशों के बारे में बताएंगे।
खुशियों की चाबी हैं गीता के ये उपदेश (Wikimedia)

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उपदेशों का पालन

न्यूजग्राम हिंदी: आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य के लिए खुश रहना बहुत ही मुश्किल हो गया है मानव के जीवन में कुछ ना कुछ उलझन लगी ही रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं मनुष्य गीता (Gita) के उपदेशों का पालन कर हमेशा खुश रह सकता है। आज इस लेख में हम आपको गीता के इन्हीं उपदेशों के बारे में बताएंगे।

• गीता में स्वयं भगवान श्री कृष्ण (Shri Krishna) के द्वारा खुश रहने का रहस्य बताया गया है और इन बातों पर खरा उतरकर यकीनन मनुष्य जीवन खुशियों से भर सकता है।

<div class="paragraphs"><p>खुशियों की चाबी हैं गीता के ये उपदेश (Wikimedia)</p></div>
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• खुश रहने का सबसे अच्छा और सबसे आसान तरीका है कि मानव आलोचनाओं से दूर रहे। इसीलिए यदि आप स्वयं को खुश रखना चाहते हैं दूसरों की खुशी का ख्याल रखना भी सीखें।

• जीवन में व्यक्ति हमेशा ज्यादा पाने की चाह में रहता है। यह चाह खुद भी उत्पन्न होती है और दूसरों से तुलना करने के बाद भी कई बार व्यक्ति अपनी तुलना अपने आसपास के अपने से अधिक संपन्न व्यक्ति से करने लगता है यह आदत खुशियों पर ताला लगा देती हैं। मनुष्य को कभी भी अपनी स्थिति की तुलना किसी दूसरे व्यक्ति की स्थिति से नहीं करनी चाहिए।

<div class="paragraphs"><p>मनुष्य अपनी स्थिति की शिकायत करता है </p></div>

मनुष्य अपनी स्थिति की शिकायत करता है

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• कई बार मनुष्य अपनी स्थिति की शिकायत करता है और उसे लगता है कि वह शिकायत करने से उस स्थिति से भाग सकता है। लेकिन ऐसा नहीं होता इसीलिए अच्छा होगा कि आप अपनी स्थिति को सुधारने का प्रयास करें ना कि उसकी शिकायत करने की क्योंकि शिकायत करके आप अपनी ही ऊर्जा कम करेंगे।

• मनुष्य कभी भी वर्तमान में न रहकर या तो अतीत की चिंता कर रहा होता है या भविष्य की। लेकिन वास्तव में अतीत की बातें सोच कर दुखी होने से अच्छा है मनुष्य वर्तमान पर ध्यान दें और उसे सुधारें। 

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