न्यूजग्राम हिंदी: हिंदू धर्म में बहुत से त्यौहार उपवास आदि किए जाते हैं। इनमें से एक है एकादशी का उपवास इस उपवास का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व माना जाता है। भगवान विष्णु (Vishnu) को समर्पित यह व्रत बहुत ही खास है।
तो चलिए जानते हैं एकादशी के व्रत से जुड़ी हुई कथा:
विजय एकादशी के व्रत के साथ यह कथा जुड़ी हुई है कि जब सीता माता (Sita Mata) को लंका (Lanka) से वापस लाने की योजना बन रही थी और रावण (Ravan) के साथ युद्ध करने की नीति बनाई जा रही थी उस समय रास्ते में एक बाधा सागर की थी। इस पर चिंतित प्रभु श्री राम (Lord Rama) अपने छोटे भाई लक्ष्मण (Lakshman) से पूछते हैं कि अब हम आगे कैसे जा सकते हैं? छोटे भाई ने उन्हें याद दिलाया कि जिस स्थान पर वह है वहां से थोड़ी दूर ही मुनि वक्दालभ्य का आश्रम है। हम उनके पास चलकर उनसे मार्गदर्शन ले सकते हैं।
जब राम मुनिवर के पास पहुंचे तो उन्होंने श्रीराम को यह सुझाव दिया कि वह अपनी सेना के साथ फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी का उपवास करें ऐसा करने से वह यकीनन समुद्र को पार कर पाएंगे और लंकापति रावण को भी पराजित करने में सफल होंगे।
उसके बाद प्रभु श्रीराम ने मुनिवर के बताएं अनुसार अपनी पूरी सेना के साथ मिलकर एकादशी का उपवास रखा और सागर पार पुल का निर्माण भी किया इसके बाद उन्होंने उस पुल के जरिए लंका पर चढ़ाई की और युद्ध में विजय प्राप्त की। उसी वक्त से इस एकादशी को विजय एकादशी के रूप में जाना जाने लगा।
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