

वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप: नई दिल्ली में इस साल आयोजित चैंपियनशिप में भारत ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए कुल 22 मेडल अपने नाम किए, जिसमें 6 गोल्ड, 9 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज शामिल थे। भारत पदक तालिका में 10वें स्थान पर रहा। यह भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि थी। इससे पहले भारत ने 2024 में 17 मेडल अपने नाम किए थे। इस चैंपियनशिप में 104 देशों के 2,200 एथलीटों ने भाग लिया था। इनमें 74 एथलीटों का भारतीय दल शामिल था।
खेलो इंडिया पैरा गेम्स: केआईपीजी का दूसरा संस्करण इस वर्ष 20-27 मार्च के बीच नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसमें करीब 1300 पैरा-एथलीट्स (Para-Athletes) ने हिस्सा लिया। खेलो इंडिया पैरा गेम्स में हरियाणा 104 मेडल (34 गोल्ड, 39 सिल्वर, 31 ब्रॉन्ज) के साथ शीर्ष पर रहा, जबकि 74 मेडल (28 गोल्ड, 19 सिल्वर, 27 ब्रॉन्ज) के साथ तमिलनाडु ने दूसरा स्थान हासिल किया। तीसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश रहा, जिसने 64 मेडल हासिल किए। इनमें 23 गोल्ड, 21 सिल्वर, और 20 ब्रॉन्ज मेडल शामिल थे।
विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री: नई दिल्ली में आयोजित इन गेम्स में भारत ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए कुल 134 मेडल अपने नाम किए। इनमें 45 गोल्ड, 40 सिल्वर और 49 ब्रॉन्ज मेडल शामिल थे।
भारतीय एथलीट्स (Indian Athletes) ने पुरुषों के डिस्कस थ्रो एफ11, महिलाओं के डिस्कस थ्रो एफ56-एफ57, और पुरुषों के हाई जंप टी47 जैसी स्पर्धाओं में सभी तीन पदक अपने नाम किए।
इस प्रदर्शन ने भारत की पैरा-गेम्स में बढ़ती क्षमता को प्रदर्शित करते हुए भविष्य के आयोजनों के लिए एक मजबूत नींव रखी है, जिनमें 2036 पैरालंपिक गेम्स (Paralympic Games) भी शामिल हैं।
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