पटना के गांधी मैदान में लगेगा "मोबाइल छोड़िए किताब पढ़िए" थीम पर आधारित पुस्तक मेला

'मोबाइल छोड़िए किताब पढ़िए' थीम पर आयोजित इस मेले में देश के लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार, लेखक, कवि और पत्रकार आ रहे हैं।
"मोबाइल छोड़िए किताब पढ़िए" थीम पर आधारित पुस्तक मेला (IANS)
"मोबाइल छोड़िए किताब पढ़िए" थीम पर आधारित पुस्तक मेला (IANS)गांधी मैदान पटना
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सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (CRD) द्वारा आयोजित पटना पुस्तक मेला (Patna Pustak Mela) शुक्रवार से गांधी मैदान (Gandhi Maidan) में शुरू होगा। इस साल मेला परिसर में बने ब्लॉक का नाम बिहार के ऐतिहासिक शहरों के नाम से रखा गया है।

'मोबाइल छोड़िए किताब पढ़िए' थीम पर आयोजित इस मेले में देश के लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार, लेखक, कवि और पत्रकार आ रहे हैं।

तीन सालों से यह पुस्तक मेला विभिन्न कारणों से आयोजित नहीं हो रहा था। पुस्तक मेला की तैयारी अब अन्तिम चरणों में है।

ज्ञान एवं संस्कृति का महाकुंभ पटना पुस्तक मेला 2 से 13 दिसम्बर तक गांधी मैदान में होने जा रहा है।

"मोबाइल छोड़िए किताब पढ़िए" थीम पर आधारित पुस्तक मेला (IANS)
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इस बार मुख्य प्रवेश द्वार का नाम पाटलिपुत्र द्वार (Patliputra Dwar) रखा गया है। मुख्य मंच बोधगया मंच, प्रशासनिक भवन का नाम राजगृह प्रशासनिक भवन, सेमिनार हॉल का नाम नालंदा रखा गया है। इस बार मेला परिसर में तीन प्रखंड होंगे, जिनके नाम क्रमश: सीतामढ़ी ब्लॉक, मधुबनी ब्लॉक, भागलपुर ब्लॉक रखा गया है।

मेले के संयोजक अमित झा ने बताया कि पटना पुस्तक मेला में कई सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे। इसके अंतर्गत बच्चों महिलाओं, संस्कृतिकर्मियों और साहित्यकारों के लिए विविध कार्यक्रम होंगे।

उन्होंने बताया कि विशेषकर बच्चों के लिए क्विज कांटेस्ट का आयोजन होगा। यह कार्यक्रम लेट्स इंस्पायर बिहार के द्वारा किया जा रहा है। स्टेट हेल्थ सोसाइटी के द्वारा मेला में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा।

पटना पुस्तक मेला (Wikimedia)
पटना पुस्तक मेला (Wikimedia)

झा ने कहा कि पटना पुस्तक मेला में शब्द साक्षी, जनसंवाद और गुफ्तगू कार्यक्रम का आयोजन होगा। मेला परिसर में प्रतिदिन नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जाएगा। बिहार की विविध भाषाओं के अंर्तगत सर्वभाषा कवि गोष्ठी का आयोजन होगा।

पुस्तकों का यह संसार करीब सत्तर हजार वर्गफुट में बसा होगा। इसमें प्रमुख रूप प्रभात प्रकाशन, राजकमल, वाणी प्रकाशन, प्रतियोगिता दर्पण, नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू लैंग्वेज, मिन्हाज पब्लिकेशन, मर्कजी मर्तबा इस्लामी पब्लिशर्स, साहित्य अकादमी, जनगणना कार्य निदेशालय बिहार गृह मंत्रालय भारत सरकार, ओसवाल सहित कई प्रकाशन की किताबें उपलब्ध होंगी।

आईएएनएस/PT

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