न्यूज़ग्राम हिंदी: एक ओर जहां मोबाइल के हर हाथ तक पहुंच जाने के बाद समाचार पत्रों और किताबों में लोगों की दिलचस्पी कम हुई है। ऐसे में इस डिजिटल युग में लोगों के किताबों के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने का बिहार के गोपालगंज में एक अनूठा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां 700 से अधिक लोगों ने एक साथ एक जगह पर बैठकर दो घंटे तक किताबें पढ़ी।
इस बुक रीडिंग मैराथन में लोगों ने किताबें पढ़ी और फीडबैक भी दिया।
गोपालगंज के पंचदेवरी रीडिंग मैराथन क्लब की ओर से आयोजित इस अनोखे कार्यक्रम का उद्देश्य किताबों से विमुख हो रहे लोगों को फिर से किताबों से जोड़ने के लिए प्रेरित करना है।
जामुनहां इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 15 दिन पहले ऑनलाइन निबंधन कराया गया था। कार्यक्रम में कुल 721 लोगों ने अपनी पसंद की पुस्तकें पढ़ी। जो लोग अपने साथ पुस्तक लेकर आए थे, उन्होंने अपनी पुस्तक पढ़ी और जो लोग पुस्तक नहीं लाए थे, वे कार्यक्रम स्थल पर लगे पुस्तक स्टॉल से पुस्तकें खरीद कर पढ़े।
सबसे बढ़िया बात रही कि इस दौरान सभी के मोबाइल फोन बंद करवा दिए गए थे, जिससे किसी प्रकार का व्यवधान नहीं हो।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में स्थानीय प्रखंड विकास पदाधिकारी और इंटर कॉलेज के प्राचार्य डॉ दुर्गाचरण पांडेय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रविवार को 12 बजे से शुरू इस रीडिंग मैराथन में लोगों ने शांत वातावरण में दो घंटे तक किताबों का अध्ययन किया।
किताबों के अध्ययन के बाद लोगों ने इस कार्यक्रम को लेकर अपना फीडबैक दिया। रीडिंग मैराथन क्लब के लोगों ने बताया कि इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले अधिकांश लोगों ने इस कार्यक्रम की सराहना अपने फीडबैक में दी है, तथा ऐसे कार्यक्रम बराबर आयोजित करने का आग्रह किया है।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन गोपालगंज के जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने किया। उन्होंने कहा कि इस डिजिटल युग में भी पुस्तकों की अपनी अहमियत है। पुस्तक कभी हमसे दूर नहीं हो सकते। उन्होंने अच्छी पुस्तकों को व्यक्ति का सबसे अच्छा मित्र बताया।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम एक घंटे पुस्तक जरूर पढ़नी चाहिए। उन्होंने इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि गोपालगंज की धरती पर रीडिंग मैराथन की मशाल अब पूरे देश में जलेगी।
इस मौके पर कई युवा साहित्यकार और गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।
--आईएएनएस/VS