

बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना से ठीक पहले सासाराम (Sasaram) में ऐसा हंगामा मचा कि पूरे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई। आपको बता दें 12 नवंबर की रात करीब 2 बजे सासाराम के तकिया बाजार समिति परिसर में स्थित स्ट्रॉन्ग रूम (Strong room) का CCTV कैमरा अचानक बंद हो गया, और उसी दौरान एक ट्रक अंदर घुस आया। देखते ही देखते यह खबर उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं तक पहुँची, और कुछ ही मिनटों में परिसर के बाहर भारी भीड़ और हंगामा शुरू हो गया।
उसके बाद दिनारा विधानसभा क्षेत्र से जुड़े इस स्ट्रॉन्ग रूम में ट्रक घुसने वाली इस खबर पर कई प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुँच गए, और फिर यह दृश्य देखने के बाद उनका आरोप था कि CCTV जानबूझकर बंद किया गया है ताकि अंदर जो कुछ भी हुआ है उसको छिपाया जा सके। विरोध बढ़ने पर प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए, और भीड़ को शांत करने के लिए ट्रक पर लदे टीन के बक्सों को सबके सामने खोला गया, ताकि यह साफ हो सके कि अंदर क्या है। उसके बाद जब सभी बॉक्स खोले गए तो वो सभी बॉक्स खाली निकले, और फिर यह दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, लेकिन तब तक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका था और सासाराम में हलचल मच गया।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस घटना को लेकर प्रभुत्वशाली एनडीए सरकार पर वोट चोरी का आरोप लगाया। उसके बाद पार्टी ने अपने X (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर लिखा कि "कथित तौर पर EVM से भरा ट्रक बिना सूचना और पारदर्शिता के सासाराम (Sasaram) के मतगणना केंद्र में क्यों घुसाया गया ? CCTV रात 2 बजे से क्यों बंद था ? ट्रक चालकों को सामने लाए बिना क्यों भगा दिया गया ?" RJD के इन सवालों ने बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है। उसके बाद राजद ने मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO Bihar) और चुनाव आयोग (@ECISVEEP) से तत्काल स्पष्टीकरण मांगा और चेतावनी दी है कि अगर जवाब नहीं मिला तो "हजारों लोग वोट चोरी रोकने के लिए केंद्र पर पहुंचेंगे।"
बढ़ते विवाद के बीच रोहतास की जिलाधिकारी उदिता सिंह और एसपी ने प्रेस बयान जारी किया। उसके बाद डीएम ने कहा की "यह ट्रक चेनारी विधानसभा से जुड़ा हुआ था और उसमें केवल खाली बॉक्स थे। ट्रक की प्रविष्टि लॉगबुक में दर्ज की गई थी और सभी उम्मीदवारों के सामने बॉक्सों को खोलकर दिखाया गया।" एसपी ने लाठीचार्ज की खबर को पूरी तरह गलत बताया और कहा कि मौके पर सुरक्षा बलों ने स्थिति को संभाल लिया। अब पूरे परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है, और करगहर मोड़ से आगे वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।
सासाराम (Sasaram) की घटना के कुछ ही घंटों बाद, राजद ने वैशाली जिले के हाजीपुर (Hajipur) स्थित स्ट्रॉन्ग रूम (Strong room) में भी गड़बड़ी के आरोप लगाए। उसके बाद पार्टी ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें एक पिकअप वैन रात में स्ट्रॉन्ग रूम से निकलती दिखी। दावा किया गया है कि जैसे ही गाड़ी निकली, CCTV कैमरा बंद कर दिया गया। राजद ने एनडीए पर "वोट चोरी की साजिश" का आरोप लगाया और कहा कि यह जनता के जनादेश के साथ खिलवाड़ है।
आपको बता दें की बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मतगणना से पहले बिहार का राजनीतिक माहौल तेज़ी से गरमाता जा रहा है। महागठबंधन लगातार एनडीए पर "वोट गिनती में हेराफेरी" के आरोप लगा रहा है, जबकि एनडीए इन आरोपों को निराधार और भ्रामक बता रहा है। इससे पहले भी राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने "वोटर अधिकार यात्रा" निकालकर चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की थी।
पूरी तरह से जांच के बाद जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सासाराम (Sasaram) का ट्रक EVM से नहीं, बल्कि खाली बॉक्सों से भरा था। डीएम ने बताया की "ट्रक को मौके पर मौजूद उम्मीदवारों, उनके प्रतिनिधियों और समर्थकों के सामने खोला गया है, जिसमे की हर बॉक्स खाली निकला। पूरी जांच कैमरे के सामने हुई है, और इसकी रिकॉर्डिंग भी मौजूद है।" उन्होंने जनता से अफवाहें फैलाने से बचने की अपील की और कहा कि "स्थिति बेहद संवेदनशील है, झूठी खबरें माहौल बिगाड़ सकती हैं।"
इन सब के बाद अब सासाराम और हाजीपुर (Hajipur) दोनों जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्ट्रॉन्ग रूम (Strong room) के आसपास अर्धसैनिक बलों की तैनाती, और CCTV की लगातार निगरानी है, उसके बाद वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इस घटना के बाद प्रशासन का कहना है कि 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पूरी पारदर्शिता और सुरक्षा के बीच कराई जाएगी।
निष्कर्ष
सासाराम (Sasaram) और हाजीपुर (Hajipur) की घटनाओं ने बिहार की राजनीति में नया तूफ़ान खड़ा कर दिया है। जहाँ एक ओर राजद और विपक्ष "वोट चोरी" का मुद्दा उठाकर सत्ता पर आक्रामक हैं, वहीं प्रशासन और सत्ताधारी दल इसे "राजनीतिक ड्रामा" बता रहे हैं। अब 14 नवंबर की मतगणना के बाद यह साफ़ होगा कि जनता का जनादेश किसके पक्ष में गया और आरोपों की राजनीति कहाँ तक पहुँची। [Rh/PS]