देश की राजधानी दिल्ली में जहां आम आदमी पार्टी (AAP) आज अपना विश्वास मत पेश कर रही है, वहीं दूसरी तरफ किसी समय में उनके गुरु रह चुके अन्ना हज़ारे (Anna Hazare) ने एक पत्र लिखकर अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को जम कर धोया है। यह पत्र तब आया है जब आम आदमी पार्टी नई आबकारी नीति (New Excise Policy) में घोटाले के आरोपों का सामना कर रही है।
इस पत्र में अन्ना कहते हैं कि, केजरीवाल ने अपनी किताब 'स्वराज' में बड़ी-बड़ी बातें लिखी थी, पर अब कथनी और करनी में अंतर साफ दिखाई दे रहा है। पत्र में आगे लिखते हुए कहते हैं कि, 'राजनीति में सीएम बनने के बाद आप (अरविन्द केजरीवाल) अपने सभी आदर्श भूल गए हैं। शराब के नशे के समान ही सत्ता का नशा छाया हुआ है।' दिल्ली की आबकारी नीति की कड़ी आलोचना करते हुए अन्ना हज़ारे कहते हैं कि जनता के हित से परे सोचते हुए दिल्ली में आप पार्टी नई शराब नीति ला रही है जिससे शराब की बिक्री और सेवन को खुल कर बढ़ावा मिलेगा। साथ ही गली-गली में शराब की दुकानें खुल जाएंगी जिससे जनता का हित तो होगा नहीं, पर भ्रष्टाचार और ज्यादा बढ़ जाएगा।
अपने पत्र में, अन्ना हज़ारे 2012 के जन आंदोलन का ज़िक्र करते हुते कहते हैं कि, 'दिल्ली सरकार की शराब नीति देखकर अब समझ या रहा है कि यह पार्टी एक बड़े ऐतिहासिक आंदोलन का नुकसान करके बनी है, जो अन्य पार्टियों के ही पदचिह्नों पर अग्रसर है। यह अत्यंत ही पीड़ादायक है।' अन्ना ने कहा कि, 'इसकी बजाय यदि लोकशिक्षण लोकजागृति का काम होता, तो देश में इस तरह की शराब की कुनीति नहीं बनती। समान विचारधारा वाले लोगों का एक प्रेशर ग्रुप होना आवश्यक था जो सरकार को जनहित में काम करने के लिए बाध्य करे। मगर यह दुर्भाग्य ही है कि ऐसा कुछ भी नहीं हो पाया।'
यहाँ बता दें कि आम आदमी पार्टी पर नई आबकारी नीति को लेकर आरोप है कि इसके द्वारा उनके करीबियों को लाभ पहुंचाया जाएगा। पर इन सभी आरोपों को अरविन्द केजरीवाल झूठा बताते हुए इस नीति को अच्छा बता रहे थे। अब जब दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने नई शराब नीति की CBI जांच करने का आदेश दे दिया है तो आप पार्टी ने तुरंत पुरानी नीति लागू कर दी है। बताया दें कि फिलहाल सीबीआई दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सीसोदिया (Manish Sisodia) के खिलाफ शराब घोटाले की जाँच कर रही है।
इससे पहले भी 23 दिसम्बर, 2016 को अन्ना हज़ारे ने अरविन्द केजरीवाल को अपना वादा न पूरा करने के लिए फटकार लगाते हुए सवाल पूछा था। उन्होंने उस वक्त, शिकागो में नवजात शिशु रोग चिकित्सक व 'ट्रांसपेरेंसी: पारदर्शिता वेब सीरीज' के निर्देशक, डॉ मुनीश रायज़ादा (Dr. Munish Raizada) द्वारा अरविन्द केजरीवाल को प्रेषित एक पत्र का भी उल्लेख किया गया था जिसमें कहा गया था कि जून 2016 से दाताओं के रिकॉर्ड पार्टी की वेबसाइट से बाहर हो गए हैं। उस वक्त रायज़ादा ने दिल्ली स्थित राजघाट पर 'No Chanda' (No Donation) नाम से एक सत्याग्रह भी किया था।
'ट्रांसपेरेंसी: पारदर्शिता वेब सीरीज' देखने के लिए यहाँ क्लिक करें: https://www.youtube.com/playlist?list=PL8dXMFrPvjdWE53h-7SMAFqD3ZLdab1E_