नोएडा सेक्टर 93ए स्थित ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया गया है। महज 9 सेकंड में इमारत जमींदोज हो गई। ध्वस्त होते ही चारों ओर धूल का गुबार बन गया और इमारत मलबे में तब्दील हो गई। ये धूल का गुबार अगले तीन से चार दिनों तक लोगों को परेशान कर सकता है। वहीं इससे बचने के लिए बच्चों और बुजुर्गो को मास्क लगाने की जरूरत पड़ेगी। इमारत को गिरते देखने के लिए तमाम लोगों की भीड़ जुटी और अपार्टमेंट के ऊपर भी लोग खड़े होकर इस क्षण को अपने कैमरे में कैद करते हुए दिखे।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विपुल सिंह नें बताया, इमारत गिरने के बाद दो तरह की धूल हवा में उड़ेगी। जो धूल के मोटे कण होंगे वह तुरंत जमीन पर गिर जाएंगे लेकिन जो छोटे छोटे कण होंगे वह हवा में लम्बे वक्त तक रहेंगे, क्योंकि हवा भी चल रही है। धूल के छोटे छोटे कण अगले तीन से चार दिनों तक दो से तीन किलोमीटर के क्षेत्र में बने रहेंगे। यदि हवा की गति तेज होती है तो उससे कम समय के लिए रहेंगे।
वहीं बारिश पड़ती है तो यह जल्द सामन्य हो सकती है। लोगों को इससे बचने के लिए मास्क पहनने की जरूरत होगी, क्येंकि यह गंभीर होंगे। सीमेंट के छोटे छोटे कण जो दिखते नहीं है वह इंसान को नुकसान पहुंचा सकते हैं और लंग्स में जाकर बाद में दिक्कतें खड़ी कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा, ध्वस्त करने के बाद इमारत का जो मलबा है उसको ढोने में भी वक्त लगेगा और ट्रकों के माध्यम से जब ले जाएगा तो देखना होगा कि ट्रकों को सही तरीके से ढंक कर ले जाया जा रहा है या नहीं।
इस इमरात को गिराने में 17 करोड़ रुपये खर्च का बोझ बिल्डर उठाएगा, वहीं देश के रियल स्टेट में पहला ऐसा किस्सा होगा जो इतिहास में दर्ज हुआ।
डिमोलिश से पहले फाइनल ट्रिगर बाक्स से कनेक्ट किया गया। 10 से 0 तक के काउंडाउन के बाद ब्लास्ट हुआ और ठीक ढ़ाई बजे इमारत सिर्फ 9 सेकंड में जमींदोश हो गई। इमारत को गिराये जाने के लिए ट्विन टावर स्तिथ लोगों को दूसरी सोसाइटी में पनाह दी गई, सुपरटेक के एमरोल्ड सोसाइटी से सभी लोगों ने अपना मकान खाली कर कर दिया था।
(आईएएनएस/AV)