गंगा किनारे होने वाली जल क्रीड़ा से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा

जल परिवहन के माध्यम से गंगा किनारे स्थित पर्यटन स्थलों को भी विकसित किया जाएगा।
गंगा किनारे होने वाली जल क्रीड़ा
गंगा किनारे होने वाली जल क्रीड़ाIANS

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में गंगा नदी (Ganga) के किनारे जल पर्यटन को बड़े पैमाने पर विकसित करने के लिए वार्षिक गंगा रैली और अन्य जल क्रीड़ा की योजना बनाई जा रही है। जल परिवहन के माध्यम से गंगा किनारे स्थित पर्यटन स्थलों को भी विकसित किया जाएगा।

कानपुर (Kanpur) के अटल घाट से प्रयागराज (Prayagraj) तक नाव और सड़क मार्गों से दो सर्वेक्षण दल इसके तौर-तरीकों का अध्ययन करेंगे और उन स्थानों की तलाश करेंगे जिन्हें विशिष्ट जल खेलों के लिए विकसित किया जा सकता है।

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इसके अलावा सर्वेक्षण का पूरे मार्ग पर मोबाइल नेटवर्क कवरेज की उपलब्धता के साथ-साथ चिकित्सा, पुलिस आदि की सुविधाओं पर भी फोकस होगा।

एक सर्वेक्षण नदी मार्ग से होगा और दूसरा सड़क मार्ग से।

कानपुर से जुड़े विकास कार्यों के समन्वयक और कानपुर बोट क्लब के सचिव नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि 'गंगा जल रैली' में करीब 50 खिलाड़ी भाग लेंगे।

जल क्रीड़ा
जल क्रीड़ाWikimedia

रैली का पहला पड़ाव उन्नाव के बक्सर, दूसरा रायबरेली के डलमऊ, तीसरा प्रतापगढ़ के कलाकांकर, चौथ प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर और पांचवां व आखिरी प्रयागराज के प्रयागराज बोट क्लब में होगा।

उन्होंने कहा, नदी के माध्यम से गंगा धारा का मार्ग, जल प्रवाह, पानी की गहराई और प्रत्येक खंड के बीच में अल्प विश्राम के स्थानों की भी पहचान की जाएगी।

कानपुर के संभागीय आयुक्त राज शेखर ने कहा कि उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने जिलों के उप-मंडल मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों को भी तैयारी करने को कहें।

आईएएनएस/PT

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